छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों और बैंको के संचालन के संबंध में गाइडलाइन जारी

jantaserishta.com
14 Jan 2022 6:00 PM GMT
छत्तीसगढ़: शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों और बैंको के संचालन के संबंध में गाइडलाइन जारी
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सूरजपुरः जिले में एक बार फिर कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। जिले के अलग-अलग विकासखंडों से बड़ी संख्या में मरीजों की पुष्टि हो रही है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन ने शासकीय अशासकीय महाविद्यालयों व बैंको के संचालन के संबंध में गाइडलाइन जारी किया है। जारी गाइडलाइन में कलेक्टर ने कहा है कि सभी शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की भौतिक उपस्थिति तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करते हुए समस्त कक्षाओं का संचालन ऑनलाईन पद्धति से सुनिश्चित किया जाये। अशैक्षणिक अमले एक-तिहाई रोस्टर पद्धति से उपस्थित रहने का निर्देश जारी किया गया है। रोस्टर ड्यूटी वाले दिवसों पर शैक्षणिक अमले द्वारा शिक्षण कार्य महाविद्यालय से एवं शेष दिवसों में निवास से ही ऑनलाईन अध्यापन कार्य महाविद्यालय के समय-सारिणी अनुसार नियत समय पर लिया जाएगा।

इसी प्रकार महाविद्यालय के गैर-शैक्षणिक कार्य रोस्टर ड्यूटी अनुसार उपस्थित कर्मचारियों द्वारा महाविद्यालय में उपस्थित होकर किया जायेगा, किन्तु शेष समस्त कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम पद्धति से दूरभाष, ऑनलाईन प्रक्रिया से कार्यों में सहयोग करेंगे। किसी भी स्थिति में अधिकारी, कर्मचारी द्वारा अवकाश स्वीकृत कराये बिना तथा सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय का त्याग नहीं किया जाएगा। सभी बैंक अपने संस्थान में न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारियों, अधिकारियों का उपयोग करेंगे एवं संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन एवं समय-समय पर जिला प्रशासन एवं अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का अक्षरशः पालन अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करेंगे।.

सभी बैंक अपने संस्थान में एक समय में अधिकतम पांच ग्राहकों को ही प्रवेश देना सुनिश्चित करे। बैंक द्वारा संचालित ए.टी.एम. में पर्याप्त मात्रा में मुद्रा की उपलब्धता बैंक प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। पूर्व में जारी आदेश की शेष कंडिकाएं यथावत् लागू रहेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 270 सहपठित एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट, 1897 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधीन दण्ड की जाएगी।

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