छत्तीसगढ़। देश में कोरोना वायरस का कहर अभी कम हुआ नही कि बर्ड फ्लु के चलते मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमांचल प्रदेश, पंजाब व केरल में अलर्ट की स्थिति है। पशु चिकित्सा सेवाएं के उप संचालक डाॅ. डी.डी. झारिया ने बताया कि इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा जिले के मुर्गी पालकों व व्यवसायियों को जागरूक किया जा रहा है। बर्ड फ्लु को एवियन इनफ्लूएन्जा या फाऊल प्लेग भी कहते हैं। यह भ्5 छ1 वायरस से होने वाला अतिसंक्रमण व घातक रोग है। बर्ड फ्लु का इन्फेकशन अप्रवासी पक्षियों के साथ-साथ मुर्गी, टर्की, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है। यह वायरस, संक्रमित पक्षियों के लार, नाक, आंख स्त्राव व बीट में पाया जाता है। संक्रमित पक्षियों के सम्पर्क में आने से इंसानों में भी यह रोग फैलता है। इसलिए मुर्गी पालकों को सलाह दी जाती है कि मौसमी टीकाकरण के अलावा शेड व आस-पास के क्षेत्रों को नियमित सफाई व मृत मुर्गियों व उसके अपशिष्ट के उचित निपटान से इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यदि सांस लेने में दिक्कत, कफ का बने रहना, सर दर्द, नाक बहना, गले में सूजन, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना बर्ड फ्लु के मुख्य लक्षण है। पड़ोसी राज्यों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नागरिकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में पक्षियों के बहुतायात में असामान्य मृत्यु होने पर निकटस्थ पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय से संपर्क करें। इस संबंध में सभी विकासखण्डों के पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को क्षेत्र में कुक्कुट पक्षियों में असामान्य बीमारी अथवा मृत्यु के संबंध में सतत् निगरानी रखनें तथा रिर्पोटिंग करने, बीमार पक्षियों के सीरम नमूने जांच के लिए जिला रोग अन्वेषण एवं प्रयोगशाला में भेजने के निर्देश दिए गए है। ताकि कुक्कुट पक्षियों को बर्ड फ्लु जैसे अतिसंक्रमित बीमारी के प्रकोप से बचाया जा सके।