छत्तीसगढ़

तेन्दूपत्ता संग्राहकों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार का अहम् निर्णय, बस्तर संभाग के 4 जिलों में होगा नगद भुगतान

Admin2
12 May 2021 5:06 PM GMT
तेन्दूपत्ता संग्राहकों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार का अहम् निर्णय, बस्तर संभाग के 4 जिलों में होगा नगद भुगतान
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर राज्य सरकार द्वारा कोरोना संकटकाल के चलते वनवासियों की सुविधा के उद्देश्य से बस्तर संभाग के नारायणपुर, उत्तर बस्तर (कांकेर), सुकमा तथा बीजापुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहक को उनके पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान करने का अहम निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव वन द्वारा उक्त आशय का आदेश भी उक्त चारों जिलों के वन मंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक, जिला वनोपज सहकारी यूनियन को जारी कर दिया गया है।

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि बस्तर संभाग के उक्त चारों जिलों की सामाजिक एवं भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनकी पारिश्रमिक की राशि नगद देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2021 के लिए तेंदूपत्ता पारिश्रमिक की राशि को नारायणपुर, कांकेर, सुकमा एवं बीजापुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों को नगद रूप में भुगतान की जाएगी। उक्त आदेश में संबंधित जिलों के जिला कलेक्टर को अपने पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन में संग्रहण पारिश्रमिक का नगद भुगतान पूर्ण पारदर्शिता के साथ कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि बीते दिनों वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा सहित सांसद श्री दीपक बैज और विधायक श्री मोहन मरकाम, श्री विक्रम शाह मंडावी, श्रीमती देवती कर्मा तथा श्री चंदन कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक का नगद भुगतान कराए जाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि उक्त जिलों में कोविड संक्रमण के कारण संग्राहकों को बैंक आने-जाने से संक्रमण का खतरा हो सकता है तथा लॉकडाउन की स्थिति के कारण बैंक भी नागरिकों के लिए अभी तक नहीं खोले गए हैं। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर बस्तर अंचल के जनप्रतिनिधियों की मांग पर सहमति जताते हुए नगद पारिश्रमिक भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश वन विभाग को दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में इसका विधिवत आदेश भी वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्रालय द्वारा आज जारी कर दिया गया है।

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