मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बारदानों की कमी को देखते हुए किसानों के पुराने बारदानों का उपयोग खरीदी के लिए करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में आज मंत्रालय महानदी भवन से खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा किसानों के पुराने जूट बारदानों में धान खरीदी करने के संबंध में आदेश जारी किया गया है।
आदेश के अनुसार बेमेतरा, बीजापुर, बालोद समेत राज्य के विभिन्न जिलों से धान खरीदी के लिए पुरानों बारदानों की कमी होने के कारण विकल्प के रूप में किसानों के पास उपलब्ध पुराने बारदानों का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए किसानों द्वारा उपलब्ध कराए गए केवल पुराने जूट बारदानों में ही धान खरीदी करने की अनुमति दी गई है। किसानों के बोरे का धान खरीदी में उपयोग होने पर उसे मिलिंग पश्चात किसानों को वापस किया जाएगा। बोरा उपयोग के लिए किसानों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित उपयोगिता शुल्क देने के निर्देश दिए गए हैं। जिलों में किसानों के बारदाने के उपयोग करने की अनुमति प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा कलेक्टर से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर विशिष्ट समितियों हेतु आवश्यकता एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखकर दी जा सकेगी। धान खरीदी के लिए किसान द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने बारदाने अच्छी अवस्था में एवं उपयोगी किस्म के होनी चाहिए, जिसमें 40 किलोग्राम धान की भरती हो सके।