रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होना है, जिसके चलते भाजपा कांग्रेस सभी दलों के नेता चुनावी मोड पर आ चुके हैं। जहां विपक्ष में बैठी भाजपा सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही है तो दूसरी ओर सत्ता में बैठी सरकार भी सभी वर्गों को साधने में लगी हुई है। लेकिन एक वर्ग ऐसा है, जिनकी मांगों पर अब तक सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया है। जी हां कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है, जिसमें से एक डीए बढ़ोतरी की मांग है। वहीं, अब सरकार की ओर से मांग पूरी नहीं किए जाने पर कर्मचारी आंदोलन की राह पकड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इसी वजह से राज्य के सरकारी कर्मचारियों ने सात जुलाई से आंदोलन पर जाने की घोषणा कर रखी है। कर्मचारियों की पांच सूत्रीय मांगों पहला डीए में वृध्दि है।
बताया जा रहा है कि सरकार डीए को लेकर गंभीर है। वजह यह है कि कर्मचारियों ने आंदोलन का नोटिस दे रखा है। दूसरे चार महीने बाद विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में सरकार कोई रिस्क लेना नहीं चाह रही है। माना जा रहा है कि 18 तारीख से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र से पहले होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार इसका निर्णय ले सकती और सत्र के दौरान इसकी घोषणा की जा सकती है।
फिलहाल प्रदेश सरकार एक बार में डीए कितना बढ़ाएगी अभी यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि न्यूनतम पांच प्रतिशत तक बढ़ोतरी सरकार कर सकती है। कर्मचारी नेताओं के अनुसार डीए यदि पांच प्रतिशत भी बढ़ा तो यह 38 प्रतिशत हो जाएगा। यह केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाले डीए से चार प्रतिशत कम होगा।