छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा को भूमिहार समाज ने मरणोपरांत पद्मश्री से संम्मानित किया

Rounak Dey
29 Jan 2021 4:31 AM GMT
छत्तीसगढ़: पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा को  भूमिहार समाज ने मरणोपरांत पद्मश्री से संम्मानित किया
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फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पूर्व राज्यपाल ( गोआ ) व सहित्यकार, भारतीय मूल्यों की प्रखर प्रवक्ता व प्रख्यात लेखिका स्वर्गीय मृदुला सिन्हा को मरणोपरांत पद्मश्री से संम्मानित करने पर समस्त छत्तीसगढ़ के ब्रह्मऋषि भूमिहार समाज ने हर्ष व्याप्त किया। जन्म 27 नवंबर 1942 को बिहार के मुजफ्फरपुर में और मृत्यु 18 नवंबर 2020 दिल्ली। समाज के वरिष्ठ सदस्य अजय राय ने जानकारी देते हुए बताया कि स्व.मृदुला सिन्हा के सहित्यिक, सामाजिक और राजनीतिक अवदान को लोग निरंतर याद रखेंगे।समाज अक्सर जिन मानवीय और भारतीय मूल्यो के साथ चल कर स्त्री विमर्श को देखने की बात करता है वे समस्त मूल्य अगर किसी लेखिका में गरिमापूर्ण दीखते थे उस विदुषी का नाम था मृदुला सिन्हा, यह मुँह देखी बात नही है, उनका समस्त लेखन इस बात की खुली गवाही हैं। इसलिये उनको भारतीय मूल्यों की प्रखर प्रवक्ता कहना असंगत न होगा।स्त्री मुक्ति की वकालत भी वो करती रहती थी। अध्यक्ष पी.पी.सिंह ने बताया कि यह कम बड़ी बात नही कि उन्होंने पूर्णकालिक लेखन के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी और जीवन सृजन को समर्पित कर दिया। वे एक सुविख्यात हिंदी लेखिका के साथ साथ भाजपा की केंद्रीय कार्यसमिति की सदस्य भी थी। पाँचवाँ स्तंभ के नाम से एक सामाजिक पत्रिका निकालती थी। अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्रित्य काल मे केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी थी।उनकी पुस्तक एक थी रानी ऐसी भी की पृष्ठभूमि पर आधारित राजमाता विजया राजे सिंधिया को लेकर एक फ़िल्म भी बनी थी।

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