सीएम की अनुशंसा के बिना डटे हैं ग्रामीण यांत्रिक विभाग में
अभियंताओं को पसंद है पंचायत विभाग की मलाई
पत्र लिखने के बाद भी लौटने को तैयार नहीं, अभियंताओं को टोटा
प्रमुख अभियंता विभागीय सचिव को लिख चुके है मूल विभाग में प्रतिनियुक्ति वाले अभियंताओं की वापसी के कई पत्र
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम में सिर्फ 4 साल की प्रतिनियुक्ति का उल्लेख है, इससे ज्यादा की प्रतिनियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति जरूरी होती है, मगर जल संसाधन विभाग में तो पिछले 15 वर्षो से प्रतिनियुक्ति पर गए इंजीनियर मलाईदार ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को छोडऩा ही नहीं चाहते है। जिसके कारण जलसंसाधन विभाग में इंजीनियरों का टोटा हो गया। वहीं विभाग से हर साल रिटायर्ड हो रहे इंजीनियरों की वजह से विभाग में काम करने वाले इंजीनियर है ही नहीं जिससे जलसंसाधन विभाग का कामकाज पूरी तरह चरमरा गई है। मुख्य कार्यपालन अभियंता ने प्रमुख सचिव से विभागीय दिक्कतों से अवगत कराते हुए ग्रामीण यांत्रिकी विभाग से इंजीनियरों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग जलसंसाधन विभाग में वापसी की जाए। जिसका जवाब आज तक नहीं आया है।
वर्ष 2020 में 24 कार्यपालन अभियंता और 02 अधीक्षण अभियंता सेवानिवृत्त हो रहे हैं केवल 31 दिसंबर 20202 तक 26 वरिष्ठ अनुभवी अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में इस विभाग के अनुभवी अधिकारी विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। जल संसाधन विभाग के अनुभवी अधिकारियों के लगातार सेवानिवृत्त होने से जल संसाधन विभाग में अनुभवी अधिकारियों का अकाल होते जा रहा है। जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता जयंत पवार ने विभागीय सचिव को अपने पत्र क्रमांक 3317045 /छ ग /2019/ 9 दिसंबर 2020 के माध्यम से विभाग में अनुभवी अधिकारियों की कमी होने के कारण कार्य संपादन में हो रही असुविधा से अवगत करवाते हुए जलसंसाधन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत कार्यपालन अभियंताओं एवं सहायक अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग जल संसाधन को वापस किए जाने का अनुरोध अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग से किया है। इसके पूर्व भी उन्होंने पत्र क्रमांक 1565 /1303/31/स्था 2 जुलाई 2020 10 अगस्त 2020, 6 अक्टूबर 2020 , 2 नवंबर 2020 को भी पत्र लिखकर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन/ सहायक अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में भेजने का पत्र लिख चुके है।
18-20 वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहकर करोड़ों की काली कमाई करने वाले अधिकारियों का मायाजाल इतना सशक्त है कि ऐसी किसी कार्यवाही / पत्राचार से उनके कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता । यही कारण है कि प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग के लिखे हुए पत्र पर लगभग ढाई माह बाद भी शासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा लिखा गया है।
हमने इंजीनियरों की कमी से जलसंसाधन विभाग के कार्य प्रभावित होने को अवगत कराते हुए संबंधित विभाग के प्रमुख को इंजीनियरों की वापसी के लिए पत्र लिखा है, लेकिन वहां से कोई जबाव नहीं आया है। संबंधित विभाग को निर्णय लेना है।
- जयंत पवार,
प्रमुख अभियंता जल संसाधन
जल संसाधन के प्रमुख अभियंता का पत्र मिला है उनका पत्र हम शासन को भेजेंगे, जो भी निर्णय होगा शासन स्तर पर होगा।
-एसएन श्रीवास्तव,
प्रमुख अभियंता ग्रायांसे