छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: दिवाली के दिन नशे की पार्टी, क्या करेगी पुलिस?

Admin2
14 Nov 2020 6:01 AM GMT
छत्तीसगढ़: दिवाली के दिन नशे की पार्टी, क्या करेगी पुलिस?
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क्या सुख का छिनेगा सुख-चैन, या फिर सजेगी महफिल...

आज रात वीआईपी रोड स्थित क्लब में होने वाली पार्टी पुलिस के लिए चुनौती

बैखौफ हैं नशे के सौदागर, पुलिस कार्रवाई का नहीं है खौफ नहीं, पुराना आयोजक ने सजाई महफिल

आयोजकों, कैफे-पब संचालकों को छुटभैय्या नेताओं का संरक्षण एवं पुलिस रेडनहींं पडऩे की गारंटी

आयोजक मीडिया से भी सेंटिंग का कर रहे दावा पुलिस को भी अपना बनाने का भर रहे दम

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। ड्रग तस्करों और अवैध धंधेबाजों की बदौलत अपनी राजनीति चलाने वाले छुटभैय्ये नेता अपने संरक्षण में नशे के कारोबार को बेखौफ जोर-शोर से चलाने में तस्करों और युवाओं-रईसजादों को नशे के सामान उपलब्ध कराने वाले होटल-क्लब और पब संचालकों की मदद कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि वीआईपी रोड में संचालित बड़े होटलों, क्लब और पब में नशे की पार्टियां फिर से आयोजित होने लगी हैं। आज दिवाली के दिन भी वीआईपी रोड पर ही स्थित एक क्लब में नाइट पार्टी आयोजित होने वाली है। ऐसे में यह पुलिस के लिए चुनौती बन सकती है क्योंकि दिवाली होने से उसके सामने शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है। पार्टी के आयोजक इस बात से वाकिफ थे तभी पुलिस की ध्यान पर पार्टी की ओर न जाए इस लिए इस बड़ी पार्टी के लिए दिवाली की रात को ही चूना गया। अब देखना यह है कि पुलिस इस पार्टी को लेकर क्या रुख अपनाती है। कानून-व्यवस्था का हवाला देकर कार्रवाई से बचती है या इस आयोजन को रोकने के लिए कदम उठाती है।

गौरतलब है कि बीते बुधवार को एक क्लब में ऐसी एक पार्टी हुई जिसमें सिर्फ लड़कियों को इंट्री दी गई। वहीं अब आगामी शनिवार दिवाली की रात को एक पार्टी आयोजित की जा रही जिसमें लड़कियों के साथ लड़कों की भी इंट्री रहेगी। छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में ऐसी पार्टी आयोजित कराने वाले तस्कर इंवेट कंपनियां पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं कि उनका कारोबार कभी बंद नहीं हो सकता। ऐसी खबर भी है कि बुधवार को हुई पार्टी में एक बड़े नेता के दो गुर्गे आपस में लड़ बैठे थे। हैरान करने वाली यह है कि क्वींस क्बल का मामला सामने आने और ड्रग तस्करी में ताबड़तोड़ गिरफ्तारी और कार्रवाई के बाद भी आखिर ऐसी पार्टियों का आयोजन कैसे हो पा रहा है। वीआईपी रोड पर स्थित किसी-न-किसी कैफे में ऐसी पार्टियों का बोर्ड रोज ही देखने को मिल रहा है। इन पार्टियों के लिए परमिशन कौन दे रहा है। आयोजकों को किसका संरक्षण मिल रहा है। खबर है कि आयोजकों कैफे-क्लब संचालकों को उसके संरक्षकों ने बाकायदा इस बात का भरोसा दिलाया है कि पार्टियों के दौरान पुलिस रेड नहीं करेगी। तो क्या पुलिस और प्रशासन ने इन्हें फिर से नशा परोसने की इजाजत दे दी है?

छुटभैय्ये नेताओंं का मिल रहा संरक्षण

राजधानी में अपराध व अपराधी बेखौफ हो गए है। जिसके चलते पुलिस भी ऐसे आरोपियों से परेशान हो गए है। रायपुर में नशे के कारोबार पर पुलिस लगातार नकेल कसने के लिए उनके ठिकानों पर दबिश देकर ड्रग पैडलरों की नाकेबंदी कर दी है। ड्रग्स पैडलरों की गिरफ़्तारी की वजह से बड़े घरानों में ड्रग के शौकीनों की हालत पस्त हो गई है। ड्रग एडिक्टेड युवक-युवतियों के लिए भोजन नहीं मिलेगा तो चलेगा, लेकिन ड्रग नहीं मिलने से उनकी बेचैनी बढ़ जाती है। पुलिस की कार्रवाई से ड्रग पैड़लरों में हडक़ंप मचा हुआ है। बावजूद छुटभैय्ये नेताओंं के संरक्षण में नशे का कारोबार अब भी बेखौफ चल रहा है। ये नेता अपनी राजनीति चमकाने और जल्द से जल्द करोड़पति बनने की चाह में नेतागिरी के साथ नशे के तस्करों को संरक्षण देकर भरपूर कमाई कर रहे हैं। ऐसे छुटभैय्ये नेताओं की दोनों हाथों में लड्डू है। तस्करों से औने-पौने दाम पर नशे का सामान खरीद कर नशेडिय़ों को मुंहमांगी दाम पर बेची जा रही है। छुटभैया नेताओं को कानून कायदे की कोई परवाह नहीं है। बेखौफ खुलेआम नशा परोस रहे है।

होटल-रेस्टारेंट खुले आम परोस रहे हैं नशा

नशे का कारोबारी महंगे होटल, रेस्टोरेंट और बार जैसी जगहों पर पार्टियों के नाम पर नशे का सामान परोस रहे है। रायपुर को नशे के कारोबारियों ने पूरी तरह से अपने शिकंजे में कस लिया है। पुलिस और नसे के कारोबारियों में पकड़ो-छोड़ों का खेल चल रहा है, पुलिस की लगातार कार्रवाई के नशे के सौदागरों में हडक़ंप मचा हुआ है। नशे के कारोबारियों के ठिकानों पर पुलिस ने मुखबिर लगा दिए है। राजधानी नशे के सौदागरों के लिए सेफ जोन बनती जा रही है। यहां नीचे तबके से लेकर हाई प्रोफाइल लोगों के लिए अलग-अलग किस्म की नशे की सामग्री उपलब्ध हैं। 10 रुपए में बिकने वाले गांजे से लेकर 5-10 हजार रुपए प्रति ग्राम तक की कोकीन भी डिमांड पर उपलब्ध है।

नशे के सौदागरों द्वारा डिमांड के आधार पर इसे मुंबई से मंगाया जा रहा है। इस महंगे नशे के ग्राहक बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में घूमने वाले रईस हैं, जिनमें युवक-युवतियों से लेकर महिलाएं भी शामिल हैं। रायपुर में नवयुवक नशे के इतने आदी हो गए है कि नहीं मिलने पर पागलपन सवार हो जाता है, जिसके कारण अपराध बढ़ रहे है। राजधानी की संड़ांध मारती गली-मोहल्लों में पुडिय़ाबाजों ने अड्डा बना रखा है, जहां से वह घरों में सप्लाई कर रहे है। खबरदारों का कहना है कि इसके पीछे पुलिस और छुटभैया नेताओं का हाथ है, जो उनसे अवैध वसूली कर उन्हें बचाने के लिए संरक्षण देकर गांजा के काले कारोबार को बढ़ावा दे रहे है। गली-मोहल्ले में नशे का कारोबार करने वाले हर महीने एक निर्धारित राशि अपने मोहल्ले के नेताओं को नजराना पेश करते है। ड्रग माफिया लोग कारोबार से जुड़े लोगों को एक विशेष नाम का उपयोग करते हैं और वे आपस में एक-दूसरे को उसी नाम से जानते थे। ड्रग्स का कारोबार सबसे पहले मिन्हाज मेमन ने बिलासपुर में शुरु किया था और कुछ दिनों बाद ही उसने अभिषेक उर्फ डेविड को अपने साथ इस व्यवसाय में शामिल कर लिया। दोनों इसी दौरान पुणे जाकर 2-3 बार ड्रग्स लेकर रायपुर व बिलासपुर में बेच चुके थे, लेकिन पैसों को लेकर दोनों के बीच अनबन हो गई थी इसलिये दोनों एक-दूसरे से अलग-अलग कारोबार करने लगे। रायपुर पुलिस ने ड्रग्स कारोबारियों के विरूद्ध अब तक की पहली व सबसे बड़ी कार्रवाई की है। नशे का कारोबार करने वाले कारोबारियों के विरूद्ध रायपुर पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा।


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