रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक के पत्र पर आयुष विश्वाविद्यालय ने परीक्षा प्रभार से विवेक चौधरी को हटा दिया है। कुछ दिनों पहले रायपुर के पं.जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ.विवेक चौधरी के खिलाफ एक छात्रा ने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर आयोग की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक ने विभाग को कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी। विभाग ने डॉ.विवेक चौधरी को निलंबित किया था। इसके बाद नवंबर में छात्रा की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष डॉ.नायक ने आयुष विश्वविद्यालय को एक पत्र लिखकर डॉ.विवेक चौधरी को परीक्षा संबंधी कार्यों से पृथक करने की अनुशंसा की। इस पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एके चंद्राकर ने डॉ.चौधरी को परीक्षा संबंधी कार्य से पृथक कर दिया है। कुलपति डॉ.चंद्राकर ने डॉ.नायक से दूरभाष पर चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। डॉ. नायक को डॉ.चंद्राकर ने कहा है कि आयोग की अनुशंसा के बाद चिकित्सा की परीक्षा में सभी पर्यवेक्षक प्रदेश के बहार के चिकित्सा विश्विद्यालयों से आमंत्रित किए गए हैं।
चिकित्सा महाविद्यालय की एक छात्रा ने चिकित्साधीक्षक रहे विवेक चौधरी पर यौन उत्पीड़ करने का आरोप लगाया था। छात्रा ने इसकी शिकायत राज्य महिला आयोग से भी की थी। छात्रा की शिकायत के बाद चिकित्सा महाविद्यालय ने कार्रवाई करते हुए विवेक चौधरी को चिकित्साधीक्षक पद से हटा दिया था, किन्तु वह आयुष विश्वविद्यालय के परीक्षा प्रभारी पद पर यथावत बने थे। आयोग ने कहा था कि विवेक चौधरी के परीक्षा प्रभारी पद पर बने रहने से छात्रा को प्रभावित होने की आशंका है। राज्य महिला आयोग की अनुशंसा पर आयुष विश्वविद्यालय ने विवेक चौधरी को परीक्षा प्रभारी के कार्य से भी हटा दिया है। बताया गया है कि इसी प्रकरण के कारण परीक्षा प्रभारी होते हुए डॉ. विवेक चौधरी ने पीड़िता छात्रा की परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न कराया था। इससे छात्रा का एक शैक्षणिक सत्र का नुकसान हुआ था। इस वर्ष भी इसी डर से पीड़िता छात्रा ने आयोग के सामने अपने समस्या रखी थी, जिस पर आयोग ने विवि से इसकी अनुशंसा की।