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छत्तीसगढ़: नवरात्र पर्व के संबंध में कलेक्टर ने जारी किया आदेश, जानिए क्या है गाइडलाइन

Nilmani Pal
1 Oct 2021 5:45 AM GMT
छत्तीसगढ़: नवरात्र पर्व के संबंध में कलेक्टर ने जारी किया आदेश, जानिए क्या है गाइडलाइन
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रायगढ़। कलेक्टर भीम सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुये आगामी नवरात्र पर्व के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये है। मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 8 फीट होगी परंतु पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस)से निर्मित मूर्ति बिक्री एवं स्थापित किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15&15 फीट से अधिक न हो। पंडाल के सामने कम से 500 वर्ग फीट की खुली जगह हो। पंडाल एवं सामने 500 वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। मंडप/पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो, दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 50 व्यक्ति से अधिक न हो। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा, ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांटेक्ट टे्रसिंग किया जा सके।

मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, प्लस ऑक्सीमीटर, हैण्डवॉश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजीकल डिस्टेसिंग, आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस-बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर कराया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार की भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय स्थापना के दौरान विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात भोज, भण्डारा अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे-धूमाल/ब्रास बेण्ड तथा अन्य वाद्य यंत्र जिनका पीएमपीओ 200 वाट से अधिक न हो के बजाने की अनुमति स्थापित पंडाल अथवा नियत स्थल के 100 मीटर के परिधि के अंतर्गत के लिए होगी। मूर्ति आगमन एवं विसर्जन के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्र, धूमाल तथा डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये पिकअप, टाटाएस (छोटा हाथी) से बड़ा वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये 6 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिये प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नही होगी। मूर्ति एवं पूजन सामग्रियों का विसर्जन नगर पालिक निगम रायगढ़ द्वारा निर्धारित विसर्जन कुंड में ही किया जाए। विसर्जन के लिये नगर-निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग एवं तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गो से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के मार्ग में कही भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी।

उपरोक्त शर्तो के साथ किसी परिसर के अंदर या सार्वजनिक स्थान पर मूर्ति स्थापित की जाती है तो कम से 3 दिवस पूर्व अनुविभागीय अधिकारी (रा.)कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरंात ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी किन्तु यह अनुमति किसी भी ऐसे स्थान पर प्रदान नहीं की जाएगी, जिससे सार्वजनिक निस्तार या यातायात बाधित होने की संभावना हो। इन सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिला प्रशासन, रायगढ़ द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश/आदेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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