छत्तीसगढ़: बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा, कलेक्टर ने नागरिकों को इससे बचनें की अपील की
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: उत्तर बस्तर कांकेर के कलेक्टर चन्दन कुमार ने जिले के नागरिकों को बाल विवाह न करने और न ही बाल विवाह होने देने की अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है, जिसे जड़ से खत्म करना होगा। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का निर्मम उल्लंघन भी है। बाल विवाह के कारण बच्चों के पूर्ण और परिपक्व व्यक्ति के रूप में विकसित होने के अधिकार, इच्छा स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा पाने और हिंसा, उत्पीड़न व शोषण से बचाव के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है। कम उम्र में विवाह से बालिका का शारीरिक विकास रूक जाता है तथा कम उम्र की मां के नवजात शिशुओं का वजन कम रह जाता है, साथ ही उनके सामने कुपोषण व खून की कमी की भी आशंका बनी रहती है। बाल विवाह की वजह से बहुत सारे बच्चे अनपढ़ और अकुशल रह जाते हैं जिससे उनके सामने अच्छा रोजगार पाने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने की ज्यादा संभावना नहीं बचती है।