जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़ : राजधानी रायपुर में सिविल लाइन्स से बुधवार की रात 10 बजे कारोबारी आमिर सोहेल का अपहरण कर 30 लाख की फिरौती मांगने वाला गैंग गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे पकड़ा गया | पुलिस ने मैनपुर का जंगलो से आमिर को सुरक्षित छुड़ाने के साथ ही गैंग के मास्टरमाइंड सहित तीन बदमाशों को दबोच लिया | एक बदमाश चलती कार से कूदकर भाग निकला| गिरोह के मास्टरमाइंड ने फ़िल्मी अंदाज में अपहरण की साजिश रची थी | उसने 17 दिन पहले सोशल मीडिया में युवती के नाम से फर्जी आई डी बनाई | उसके बाद आमिर से युवती बनकर चैटिंग कर जाल में फसाया और बुधवार की रात उसे शंकरनगर में अकेले बुधवार अपहरण कर लिया | आमिर को काबू में करने के बाद वे पूरी रात उसे कार मैं लेकर घूमते रहे | इस दौरान वे उसी के मोबाइल से परिजनों से फिरौती की डील करते रहे | पहले 30 लाख से डील शुरू हुई और 10 लाख में सौदा तय हुआ |
हाईवे पर किडनैपर को नोटों की थैली सौंपते ही पुलिस ने घेरा , दो घायल हुए तब जाकर पकड़ा गया
सिविल लाइन के युवा कारोबारी के अपहरण की प्लानिंग जितनी हाईटेक थी , हाईवे पर किडनैपर को पकड़ने का सीन उतना ही एक्शन पैक था | पुलिस ने सुबह करीब 10 .30 बजे से पहले अपहरण गैंग के मास्टरमाइंड को रिंग रोड -2 पर मारुती शोरूम के करीब पकड़ा | वह पुलिस से घिर गया , इसके बाद भी काफी देर तक छकाता रहा |
सादे कागज की गड्डियों से 3 को 10 लाख रूपए बनाकर बैग में ले गए
आमिर के मामा मोहम्मद हनीफ ने अपहर्ताओं से बातचीत में इतनी सावधानी बरती की वह भरोसे में आ गए की पुलिस को सूचना नहीं मिली है | इसके बाद लगातार डील होने लगी | पहले 30 लाख की फिरौती मांगी गई | अंतत:10 लाख रूपए में मामला जम गया | उसके बाद गैंग का मास्टरमाइंड कार से रायपुर में उतरा और गाडी आरंग की और चली गई | उसी ने आमिर को मामा को सुबह 10 बजे पैसे लेकर भटगांव रिंगरोड के पास बुलाया | मामा ने कहा की अकेले नहीं , भाई के साथ आ सकते है , तब किडनैपर ने विरोध किया , लेकिन अंत में यह मान गया | फिर पुलिस ने 3 लाख के नोटों को सादे कागज के बंडलों में मिलाकर 10 लाख बनाए | बैग में पैसे लेकर मामा और एक जवान रिंग रोड पहुंचे | तब तक पुलिस ने आसपास घेरा डाल दिया था | लेकिन रिंग रोड पहुंचने के बाद किडनैपर ने दोनों को टाटीबंध की और आने के लिए कहा | दोनों बढ़े तो उसका फिर कॉल आया की गाड़ी मारुती शोरूम के पास रोककर सड़क पैदल क्रॉस करके दूसरी तरफ आए | दोनो ने वैसा ही किया | तब आरोपी आमीन को भरोसा हो गया की दोनों अकेले है और बैग में पैसे है| वहा पहुंचते ही आरोपी बाइक से दोनों के पास आया और बैग मंगा | इसे खोलकर उसने पैसे देख और जैसे ही बढ़ने लगा , पुलिस ने घेर लिया |
भीड़ को गैंगवार की आशंका
रिंगरोड 1 पर जब पुलिस जवान किडनैपर अमीन अली को पकड़ने के लिए उसे दौड़ा रहे थे | तब सड़क पर जाम लग गया | लोगों को लगा की गैंगवार हो रहा है क्यों की किडनैपर और पुलिस के जवान सरफराज चिश्ती और मोहम्मद सुल्तान सादे लिबास में थे | जब वह जवानों के चंगुल में फसा तो वे उसी की मोपेड पर बिठाकर थाने की और बढ़ने लगे | तभी उसने बैलेंस बिगाड़कर मोपेड गिरा दी और भागा | हादसे में जवान घायल हुए , लेकिन आरोपी भाग नहीं सका |
लगातार बदलता रहा लोकेशन
आमिर का मामला फ़ोन पर लगातर किडनैपरों के संपर्क में था | आमिर के पास दो मोबाइल थे जिसे आरोपियों ने कब्जे में ले लिया था फिरौती की डील उन्ही से हुई इसलिए पुलिस को लगातर लोकेशन मिलती रही | किडनैपरों की कार पहले धमधा गई | पुलिस की दो टीमें उस रुट पर भेजी गई , लेकिन किडनैपर वहा से गंडई , छुईखदान , खैरागढ़ , राजनांदगाव , बालोद होते हुए धमतरी पहुंचे और आरंग होते हुए गरियाबंद की तरफ चले गए |