सुकमा जिले के तालनार गांव के कृषक श्री सम्पत सिन्हा की जीवनशैली और भोजन दोनों का स्वाद अब बदल गया है। अपनी बहुओं के हाथों की बनी तरकारी में अब उन्हें पहले से कहीं अधिक स्वाद और आनंद आने लगा है। आखिरकार ये तरकारियां उनकी अपनी बाड़ी की जो हैं, जिन्हें सम्पत ने अपने बेटों बहुओं के साथ मिलकर उगाया है। अपने घर की बाड़ी में साग सब्जी लगाने के बाद से इस परिवार की जिंदगी बदल गई है। अब संपत अपने गांव में सब्जी उत्पादक किसान कहलाने लगे हैं। स्थानीय लोग हाथों हाथ उनकी बाड़ी की स्वादिष्ट और पोषक सब्जियां खरीद लेते है।
जिले के छिंदगढ़ विकासखण्ड मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर तालनार के गोमता पारा के किसान सम्पत अपने भरे पूरे परिवार के साथ रहते हैं। उनके जीवन में आए इस बदलाव की शुरुआत तब हुई जब धान की फसल के अलावा उन्होंने अपने बाड़ी में ही साग सब्जियां उगाने का फैसला लिया। वे कृषक तो से पहले से है ही, लेकिन साग भाजी में पहली बार हाथ आजमाने में उन्होंने बिल्कुल झिझक नहीं दिखाई। सम्पत ने अपने बेटों के सहयोग से अपनी घर की बाड़ी को ही अपनी सेहतमंद जीवन और आय का जरिया बनाया। शबरी नदी के किनारे बसे गांव तालनार में ऐसे तो बहुत कृषक है जो बाड़ी में साग सब्जी का उत्पादन करते है। लेकिन सम्पत की बाड़ी में उगी सब्जियों का स्वाद कुछ और ही है। अपने 1 एकड़ की बाड़ी में सम्पत पूरे लगन से सब्जी उत्पादन करते हैं। एक छोटे विद्युत पंप की मदद से से नदी के पानी को अपनी बाड़ी तक पहुंचाते हैं और फसल को सींचते है।
इस बार 30 हजार की सब्जी बेंच चुके हैं
सम्पत ने अपनी बाड़ी में उगाई टमाटर, बैंगन, करेला, बरबट्टी, भिंडी, धनिया, मिर्ची, लौकी, मूली से लाभ अर्जित कर आर्थिक उन्नति की है। बाजार में इन्हें बेचकर परिवार ने अब तक 30 हजार रुपए की कमाई की। अपनी बाड़ी में उगी सब्जियों के बारे में बताते हुए 65 वर्षीय संपत ने कहा कि वह पहले बाजार से सब्जियां खरीदत लाते थे, कभी सोचा नहीं था कि वे स्वयं सब्जी उत्पादन करेंगे। पर अब वे अपने क्षेत्र में एक सफल सब्जी कृषक के नाम से जाने जाते हैं।
उद्यानिकी विभाग से मिला बीज अनुदान
कृषक ने बताया कि वे हर वर्ष उद्यानिकी विभाग द्वारा योजनाओं का लाभ लेते है। इस वर्ष भी उन्होंने राज्य पोषित पोषण बाड़ी योजना का लाभ लिया। जिसके तहत उन्हें 400 रुपए के राज्य योजना के बीज एवं डीएमएफ से 1250 रुपए का मिनी किट उद्यान विभाग द्वारा प्रदान किया गया। इसमें उन्हें लौकी, भिंडी, टमाटर, बैंगन, खीरा, करेला, बरबट्टी आदि सब्जियों के बीज मिले। इसके साथ ही उन्हें विभाग द्वारा उन्नत उत्पादन के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। इसका परिणाम ये हुआ की संपत अपने बाड़ी में उगाई सब्जियों से लगभग 20 गुना का मुनाफा कमा चुके हैं। सम्पत ने बड़े उत्साह से बताया कि वे अपनी इस कमाई को अपने पोते पोतियों के बेहतर भविष्य में लगा रहे हैं, साथ ही परिवार के लिए एक नया घर बनवा रहे हैं।