छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: शाखा प्रबंधक पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि का गबन करने का लगा आरोप, जांच में जुटी पुलिस

Shantanu Roy
30 Sep 2021 3:17 AM GMT
छत्तीसगढ़: शाखा प्रबंधक पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि का गबन करने का लगा आरोप, जांच में जुटी पुलिस
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सूरजपुर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित अन्य पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि गबन के आरोप सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा जांच दल गठित की गई थी। जांच के आधार पर बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक समेत चार कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। गौरतलब हो कि सहकारी बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित अन्य पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि में गड़बड़ी के आरोप लगे है। जिसकी शिकायत किसानों के द्वारा लगातार किया जा रहा है, जिसमें जांच दल के द्वारा विगत दिनों कुछ किसानों का बयान दर्ज किया है।

जांच दल ने पाया कि कूटरचित दस्तावेज तैयार कर व बाहरी व्यक्तियों के सहयोग से किसानों के खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा की जमा राशि को किसानों के उपस्थित हुए बिना ही उनके फर्जी हस्ताक्षर करते हुए राशि गबन किया गया। जिसके बाद कलेक्टर ने तत्काल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है। शाम को जांच दल के नोडल अधिकारी आनंद सिंह के द्वारा तत्कालीन बैंक प्रबंधक जगदीश कुशवाहा, लिपिक रामकुमार सिंह, सूबेदार सिंह तथा भृत्य सुनील यादव के विरुद्ध झिलमिली थाना में पहुंच एफआईआर दर्ज कराई गई है।

कंप्यूटर ऑपरेटर छोड़ शेष सभी दोषी

सहकारी बैंक में सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर ही निर्दोष है। जांच दल की मानें तो तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित अन्य 3 लोगों पर फसल बीमा राशि फर्जीवाड़ा में संलिप्तता पाई गई है। लेकिन सिर्फ बैंक में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर ही दोष मुक्त है। शेष सभी कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

कौन से पैसे निकाल रहे हैं, जानकारी नहीं थी

भृत्य सुनील कुमार यादव ने विगत दिनों अपने दिए बयान में बताया था कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा मेरे से निकासी फार्म भरवाया गया और कहा गया कि बैंक के बड़े अधिकारी व भैयाथान थाने के अधिकारी को पैसा देना है, निकासी फार्म भर दो। मैंने उनके कहने पर निकासी फार्म भरा, लेकिन कौन से पैसे को निकाल रहे हैं, यह जानकारी मुझे नहीं थी। तत्कालीन शाखा प्रबंधक के निलंबन के बाद मुझे ज्ञात हुआ कि वह राशि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की राशि थी।

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