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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़/ रायपुर- बीते विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी का किला ढह चुका था, अब संगठन की नींव भी खिसकती जा रही है. आला नेताओं के बीच सार्वजनिक विवाद की तस्वीरों के बाद युवा मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी की जारी की गई सूची सुर्खियों में है. सूची जारी होते ही मोर्चा के आधिकारिक व्हाट्स एप ग्रुप में एक कार्यकर्ता की ओर से दी गई आत्मदाह की चेतावनी ने मामले को गर्मा दिया है. दरअसल विवाद कार्यकारिणी में शामिल नामों को लेकर है. बीजेपी ने मोर्चा पदाधिकारी बनने के लिए 35 साल की उम्र का नियम बनाकर रोड़ा अटका दिया था, लेकिन जब सूची जारी की, तो इस नियम को दरकिनार कर कई ऐसे चेहरों को ले लिया गया, जिनकी मौजूदगी सालों से संघर्ष कर रहे जमीनी कार्यकर्ताओं को खटक रही है.
BJYM Chhattisgarh नाम से चल रहे आधिकारिक व्हाट्स एप ग्रुप में मनीष हरित नाम के एक कार्यकर्ता ने नियुक्त किए गए सभी जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों का जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाने की मांग करते हुए पूछा है कि क्या गरियाबंद जिले के लिए ही 35 का नियम लागू था? मानसिक रूप से आघात पहुंचने का जिक्र करते हुए मनीष हरित ने प्रदेश कार्यालय आकर आत्मदाह किए जाने तक की चेतावनी दी है. मनीष हरित की नाराजगी यहां तक नहीं रूकी, आगे लिखते हुए उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया है कि 35 साल की उम्र सीमा जैसे नियम का औचित्य क्या है? अब सवाल उठाने पर पार्टी से किनारा कर दिया जाएगा. पार्टी नेतृत्व के लिए जमीन पर रहकर काम करना मायने नहीं रखता. जी हुजूरी और तलवे चांटने वाले लोग ही आगे रहेंगे.