छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: 4 बजते ही जेल पहुंचते है गांव के सभी लोग, जानें वजह

Admin2
16 Jun 2021 12:01 PM GMT
छत्तीसगढ़: 4 बजते ही जेल पहुंचते है गांव के सभी लोग, जानें वजह
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खौफ

छत्तीसगढ़। कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से एक अनोखी तस्वीर निकलकर सामने आई है. यहां हाथियों से जान बचाने के लिए ग्रामीणों को जेल में बंद करना पड़ रहा है. दंडकारण्य के घनघोर जंगल मे मौजूद कांकेर के भानुपरतापुर के कई गांवों के सैकड़ों आदिवासियों को रात होते ही इलाके में मौजूद निर्माणाधीन जेल में हाथियों से जान बचाने के लिए छिपना पड़ रहा है. 20 से ज्यादा की संख्या में हाथी यहां दिन में जंगल मे पहाड़ियों पर सो जाते है और फिर रात में गांवो में घूमकर जमकर उत्पात मचाते है.

पिछले 1 महीने के भीतर हाथियों ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद और जशपुर में 3 लोगों को कुचलकर मार डाला है, जिसके डर के चलते हुए रोज शाम होते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जेल में शरण लेने आ जाते है. यहां जेल में बंद होकर कैदियों की तरह रात बिताते हैं और उसके बाद सुबह होते ही घरो को लौट जाते है.

ग्रामीण महिला बिजिकट्टा ने कहा क‍ि हमने इससे पहले ऐसा कभी नही देखा हाथियों के ख़ौफ़ के चलते हमे 4 बजते ही खाना बनाकर बच्चों को लेकर गांवों से निकलकर जेल में आना पड़ता है. कैदियों की तरह यहां रहते है उसके बाद सुबह होते ही खेतो में काम के लिए वापस लौट जाते है. ग्रामीण सकलु ने बताया क‍ि हाथियों के आतंक के चलते हमे जेल में कैदियों की तरह रहना पड़ रहा है. इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखे. डर लगता है. 2 - 3 बजे के बाद ही जेल के लिए आना पड़ता है. ग्रामीणों और हाथियों के बीच द्वंद को लेकर सरकार का कहना है कि सरकार ग्रामीणों की सुरक्षा के कटिबद्ध है. ये हाथियों के भ्रमण का इलाका है पिछले साल भी हाथी यहां आए थे और यही से वापिस लौट गए थे.

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