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नक्सलियों ने लगाया बस्तर के जंगलों में एयर स्ट्राइक का आरोप
बस्तर में नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी कर सनसनी फैला दी. नक्सलियों ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में 19 अप्रैल को ड्रोन से बम गिराए गए और सबूत के तौर पर बकायदा बमबारी की तस्वीरें भी जारी की गई हैं. दूसरी तरफ बस्तर के आईजी ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है.
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने बुधवार को एक प्रेस नोट जारी कर मीडिया को इस संबंध में जानकारी दी. प्रेस नोट में प्रवक्ता ने कहा कि 19 अप्रैल की सुबह ड्रोन और हेलिकॉप्टर से माओवादियों पर 12 बम गिराए गए हैं. हालांकि ड्रोन हमले से पहले ही नक्सली अपना ठिकाना बदल चुके थे. जिसके चलते उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
नक्सलियों ने बम गिराए जाने का एक फोटो और एक वीडियो भी जारी किया है. फोटो में बम के अवशेषों को दिखाया गया है. दूसरी ओर बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने एयर स्ट्राइक के आरोप को पूरी तरह से खारिज किया है. उन्होंने इसे सुरक्षाबलों के दबाव में नक्सलियों की बौखलाहट, हताशा और बकवास बताया. आईजी ने कहा कि नक्सल मोर्चे पर तैनात फोर्स कानून और नियम कायदों से बंधकर अपनी ड्यूटी कर रही है.
आईजी के मुताबिक लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही फोर्स का मकसद है. उन्होंने कहा कि आईईडी और विस्फोटकों से बेकसूर आदिवासियों की हत्या करना माओवादियों और उनके बड़े नेताओं का काम है, न कि फोर्स का. आए दिन उनकी इन्हीं जघन्य वारदातों से लोग और पशु काल का ग्रास बनते आए हैं. ऐसे में इन हत्यारों को कोई हक नहीं बनता कि वे सुरक्षा बलों पर इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाएं.
भाकपा माओवादी कैडर ने आईईडी और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करके हजारों निर्दोष नागरिकों की जान ली है. उन्होंने विस्फोटकों का उपयोग करके सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में बच्चों, महिलाओं और जानवरों को भी नहीं बख्शा. नारायणपुर में आज भी एक आईटीबीपी अधिकारी गंभीर रूप से घायल है. नक्सलियों के IED विस्फोट में एक गाय की मौत भी हो गई थी.
आईजी ने नक्सलियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यही सही वक्त है कि वे अपनी इन हरकतों से बाज आ जाएं ताकि बस्तर की अबोध जनता शांति से जीवन यापन कर सके. अन्यथा वे अपने सर्वनाश के लिए तैयार रहें.
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