छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: नाबालिग लड़के की हो रही थी शादी, प्रशासन को लगी भनक, फिर...

jantaserishta.com
30 Jun 2021 9:40 AM GMT
छत्तीसगढ़: नाबालिग लड़के की हो रही थी शादी, प्रशासन को लगी भनक, फिर...
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कोण्डागांव:- जिला बाल संरक्षण ईकाई (महिला एवं बाल विकास विभाग) कोण्डागांव द्वारा जारी विज्ञप्ति अनुसार जिले के अंतर्गत ग्राम चिलपुटी, देवडोबरा पारा में बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा एवं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण ईकाई महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त दल द्वारा 29 जून को हेमाराम राणा जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्यवाही की गई।

ज्ञात हो कि विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम चिलपुटी देवडोबरा पारा निवासी बालक उमेश (परिवर्तित नाम) पिता हरीलाल (परिवर्तित नाम) उम्र 16 वर्ष का विवाह बालिका जानकी (परिवर्तित नाम) पिता सीताराम (परिवर्तित नाम) उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम सिंगनपुर, चिपावण्ड जिला-कोण्डागांव के साथ सम्पन्न होना था। पूर्व में इस आयोजित विवाह को ग्राम के पटवारी, सरपंच, कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य के द्वारा समझाईश देकर रोका गया था, परन्तु 29 जून को यह सूचना मिलने पर कि विवाह को पुनः आयोजित कर सम्पन्न किया जा रहा है। तत्पश्चात् सूचना मिलने पर तत्काल गठित संयुक्त दल द्वारा विवाह स्थल पहुंच कर दस्तावेजों का जांच एवं पूछताछ किया गया जिसमें वर-वधु के अंकसूची के अवलोकन से वधु की उम्र विवाह योग्य एवं वर की आयु विवाह हेतु निर्धारित आयु से कम पाया गया। चूंकि वर उमेश और वधु जानकी के बीच रायपुर में अलग-अलग राईस मील में काम करते हुए जान पहचान हुई थी और वे एक दूसरे को पसंद करने लगे थे। इस संबंध में गठित संयुक्त दल द्वारा वर-वधु दोनों पक्षों के सदस्यों एवं उपस्थित ग्रामीणों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत विवाह को अवैध एवं गैरकानूनी के संबंध में जानकारी देकर समझाईश दी गई और साथ ही पंचनामा तैयार किया गया। इसके बाद ही वर-वधु के संबंधी एवं अभिभावक वर की आयु 21 वर्ष पूरी होने के पश्चात् ही विवाह करने के लिए सहमत हुए।

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