छत्तीसगढ़: नाबालिग से रेप मामले में आरोपी को मिली 20 साल की कड़ी सजा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जांजगीर। छः वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपित को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 20 वर्ष कठोर कारावास व अर्थदंड से दण्डित किया है। अभियोजन के अनुसार सक्ती थाना अंतर्गत एक गांव की 6 वर्षीय बालिका 4 जनवरी 2021 की शाम 5 बजे पड़ोस में बधाों के साथ खेल रही थी। इसी बीच अनिल सिदार मौके पर पहुंचा और मासूम बालिका को उठाकर अपने घर के कमरे में ले जाकर दरवाजा बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के चिल्लाने व रोने पर आरोपित उसे छोड़ दिया।
वारदात के बाद मासूम रोते रोते अपने घर पहुंची और इसकी जानकारी स्वजनों को दी। पीड़िता की मां मौके पर पहुंची और उसकी बेटी के साथ खेल रहे बच्चों से इस संबंध में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने भी अनिल सिदार के द्वारा बच्ची को ले जाने की बात कही। वारदात के पीड़िता की मां ने इसकी जानकारी स्वजनों को दी और थाना पहुंचकर इसकी शिकायत पुलिस से की।
पुलिस ने प्रार्थी की रिपोर्ट पर आरोपित अनिल किंदारू सिदार (18) के खिलाफ भादवि की धारा 342, 376 (1 ) व धारा 6 पाक्सो एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया और अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित अनिल सिदार को बालिका के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया।
न्यायालय ने आरोपित अनिल सिदार को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम सन 2012 की धारा 6 के तहत अभियुक्त को 20 वर्ष की सश्रम कारावास व 10 हजार रूपए अर्थदण्ड व भारतीय दंड संहिता की धारा 342 के अपराध के लिए 6 महीने का सश्रम कारावास व 500 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि न्यायालय में जमा नहीं करने पर 6 महीना एवं एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगताए जाने का आदेश दिया। अभियोजन की ओर से पैरवी शासकीय विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो राकेश महंत ने की।