छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: 23 गांव नक्सल मुक्त, एसपी ने किया दावा

Nilmani Pal
28 Dec 2021 10:09 AM GMT
छत्तीसगढ़: 23 गांव नक्सल मुक्त, एसपी ने किया दावा
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छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को नक्सल मुक्त बनाने अति संवेदनशील इलाकों में लगातार फोर्स के कैंप खोले जा रहे हैं। इन कैंपों की मदद से नक्सलवाद का दायरा भी सिकुड़ता जा रहा है। सुरक्षा बलों के जवान ऐसे गांवों तक पहुंच चुके हैं, जिसकी पहचान पहले नक्सलगढ़ के रूप में थी। फोर्स के इन कैंपों की मदद से बीहड़ जंगल में भी विकास पहुंच रहा है। अति संवेदनशील सुकमा जिले में साल 2021 में मिनपा, बड़ेसेट्टी, मनकापाल, मुकरम, कोलाईगुड़ा और करीगुंडम में जिला पुलिस बल व सीएपीएफ के छह कैंप खोले गए हैं। इन कैंपों की मदद से जिले के 23 गांवों को नक्सल मुक्त कराया गया और लगभग 750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल से नक्सलियों को पीछे खदेड़ा गया है।

सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि माओवादियों के कोर एरिया कहे जाने वाले या नक्सलियों के कॉरिडोर वाले इलाकों में साल 2021 में छह पुलिस कैंप खोले गए हैं। मिनपा, बड़ेसेट्टी, मनकापाल, मुकरम, कोलाईगुड़ा और करीगुंडम कैंप की मदद से जंगलों के अंदर बसे गांवों तक सरकार की योजनाएं पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि फोर्स की मौजूदगी से 23 गांवों को नक्सल मुक्त कराया गया है। सुकमा जिले में पहुंचविहीन क्षेत्र, जहां फोर्स नहीं पहुंच पाई है। अब ऐसे इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की तैयारी चल रही है। पुलिस कैंपों की मदद से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल रही है। कैंपों में डॉक्टर पदस्थ किए गए हैं। कैंप से लगे गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों में विश्वास व सकारात्मक भावना जागृत करने कैंपों में सहभोज का भी आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के आधार इलाका कहे जाने वाले मिनपा, करीगुंडा, कोलाईगुड़ा व मुकरम क्षेत्र में माओवादियों का बटालियन सक्रिय है। उस क्षेत्र में तीन कैंप खोलना पुलिस के साहस और जनविश्वास का ही परिणाम है। पुलिस कैंप खुलने से अति संवेदनशील इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, राशन की दुकान जैसी मूलभूत सुविधाएं भी पहुंच रही है। सुनील शर्मा ने बताया कि क्षेत्र के विकास से नक्सलियों को भारी झटका लगेगा। उन्हें इलाके से दूर जाना होगा। उनके कॉरिडोर पर फोर्स का पहरा हो जाएगा।

एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि अंदरुनी क्षेत्रों में नक्सलियों के कोर एरिया को संकुचित करने तथा ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने भविष्य में और नये सुरक्षा कैंप खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि फोर्स के कैंप खुलने से बीहड़ जंगलों में विकास भी पहुंच रहा है। कैंप की स्थापना से दोरनापाल-जगरगुंडा मार्ग, कोंटा-चिंतागुफा मार्ग एवं कैंप बड़ेसट्टी व मनकापाल क्षेत्र में अंदरूनी मार्गों के निर्माण को गति मिली है। इन दुर्गम स्थानों तक शासन की योजनाएं व विकास कार्य भी शुरू हो गए हैं। वहीं समाज की मुख्यधारा से भटके ग्रामीणों को पुर्नवास नीति के तहत सरेंडर कराकर मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। जिले में अब तक 221 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।


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