छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ : टीका की खरीदी पर केंद्र के खजाने में जा रहे 15 से 20 रुपये
Apurva Srivastav
7 May 2021 4:18 PM GMT
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छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने 18 से 45 वर्ष तक के नागरिकों को कोरोना से लड़ने निश्शुल्क टीका (वैक्सीन) उपब्लध कराने का फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने 18 से 45 वर्ष तक के नागरिकों को कोरोना से लड़ने निश्शुल्क टीका (वैक्सीन) उपब्लध कराने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकारें अपने बजट से टीका खरीद रही हैं, लेकिन गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की वजह से राज्य सरकारों को वैक्सीन महंगी पड़ रही है। केंद्र सरकार कोरोना टीका पर पांच फीसद जीएसटी वसूल रही है। इस वजह से राज्य सरकार से टीका खरीदी के हर डोज पर 15 से 20 रपये केंद्र सरकार के खजाने में जा रहा है। इससे राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल न केवल टीका बल्कि कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाली दवा और उपकरणों को टैक्स फ्री करने की लगातार मांग कर रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र भी लिखा है।
छत्तीसगढ़ में 18 से 45 आयु वर्ग के करीब एक करोड़ 35 लाख लोग हैं, जिनके निश्शुल्क टीकाकरण (वैक्सीनेशन) की घोषणा राज्य सरकार ने की है। प्रदेश सरकार अब तक करीब साढ़े चार लाख डोज के लिए दोनों कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को भुगतान कर चुकी है। इसमें कोवैक्सीन की डेढ़ लाख डोज के लिए छह करोड़ 30 लाख और कोविशील्ड की करीब दो लाख 97 हजार डोज के लिए नौ करोड़ 35 लाख रपये का भुगतान किया गया है। यानी 400 रपये वाला कोवैक्सीन राज्य सरकार को 420 और 300 रपये वाला कोविशील्ड 315 रपये में मिल रहा है। सरकार की तरफ से दोनों कंपनियों को 15 करोड़ 65 लाख रपये से अधिक का भुगतान किया गया है। इसमें 74 लाख 56 हजार से अधिक जीएसटी के रूप में दी गई है।
टीका की अलग-अलग कीमतों पर भी आपत्ति
छत्तीसगढ़ की तरफ से टीका की अलग-अलग कीमतों को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई जा चुकी है। अप्रैल में हुई वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री ने सीधे प्रधानमंत्री के सामने अलग-अलग रेट को लेकर विरोध दर्ज कराया था। सीएम ने कहा कि वही टीका केंद्र सरकार को 150 रपये और राज्यों को 300 व 400 रपये में मिल रही है। निजी के लिए यह दर 600 और 1200 है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार एक राष्ट्र एक टैक्स की बात करती है तो एक टीका का एक रेट क्यों नहीं हो सकता।
महंगा पड़ेगा निजी अस्पतालों में टीकाकरण
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि निजी अस्पतालों को 600 और 1200 रपये में टीका की सप्लाई होगी। पांच फीसद जीएसटी के बाद इनकी कीमत 630 और 1260 रपये हो जाएगी। इससे निजी अस्पतालों में टीका लगाने वालों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
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