छत्तीसगढ़

आकर्षक लाइटिंग से जगमगाया छठघाट, अरपा नदी की आरती के साथ चार दिवसीय पर्व का होगा आगाज

Nilmani Pal
27 Oct 2022 4:43 AM GMT
आकर्षक लाइटिंग से जगमगाया छठघाट, अरपा नदी की आरती के साथ चार दिवसीय पर्व का होगा आगाज
x
छत्तीसगढ़

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कोरोना की त्रासदी के बाद पहली बार दिवाली का उत्साह दिखा। यही उत्साह अब छठ पूजा को लेकर है। इसके लिए आयोजन समिति ने तैयारियां पूरी कर ली है। अरपा नदी स्थित छठ घाट की साफ-सफाई कर उसे आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया है। 28 अक्टूबर शुक्रवार की शाम घाट में अरपा मइया की महाआरती के साथ ही चार दिवसीय पर्व का आगाज होगा। बुधवार को पुलिस अफसरों ने आयोजन समिति के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक ली। अरपा का यह छठ घाट देश का सबसे बड़ा और स्थाई घाट है।

मुख्य रूप से पूवोत्तर राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखंड में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन अब इसे छत्तीसगढ़ में भी काफी उत्साह के साथ मनाए जाने लगा है। खास कर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पिछले 21 वर्षों से इस पर्व ने अपनी अलग पहचान बनाई है। शहर के सरकंडा और तोरवा पुल के पास बनाए गए घाट में छठ पर्व मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। यहां उत्सव का माहौल नजर आता है और आयोजन के दौरान मेले सा नजारा दिखाई देता है।
सामूहिक आयोजन पाटली पुत्र संस्कृति विकास मंच के साथ जिला प्रशासन की देखरेख में होता है। समिति के पदाधिकारी बताते हैं कि छठ पूजा के लिए बिहार में सैकड़ों घाट हैं। सिर्फ पटना में ही 82 घाट हैं। लेकिन सभी घाटों का क्षेत्रफल 100 से 200 मीटर है। जबकि तोरवा स्थित छठ घाट करीब 8 एकड़ में फैला हुआ है। घाट में नगर निगम ने करीब एक किलोमीटर में पूजा व अर्ध्य देने के लिए सीढ़ियों का निर्माण कराया है। यहां एक साथ 50 हजार से ज्यादा व्रती अर्घ्य दे सकते हैं।
आयोजन समिति के आरपी सिंह ने बताया कि छठ पूजा स्थल के लिए मुंबई का जुहू स्थित चौपाटी घाट को सबसे बड़ा घाट माना जाता है। लेकिन यह स्थाई नहीं है। तोरवा स्थित छठ घाट स्थाई है, जहां स्थाई रूप से लाइटिंग, पार्किंग स्थल, सामुदायिक भवन, गार्डन के साथ ही पास में पुलिस चौकी सहित सभी व्यवस्थाएं की गई है।
पाटली पुत्र विकास मंच ने छठ पूजा के लिए आयोजन समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा और सचिव अभयनारायण राय ने बताया कि छठ पर्व पर साल भर में एक बार तोरवा पुल का रंगरोगन समिति द्वारा कराया जाता है। समिति की तैयारी एक सप्ताह से चल रही है। कोरोना काल के बाद पहली बार सामूहिक आयोजन होने के कारण छठ व्रतियों में खासा उत्साह है। व्रतियों की सुरक्षा के लिए पानी में बैरिकेडिंग भी की गई है। पार्किंग स्थल के साथ ही मंच व्यवस्था व लाइटिंग का काम भी पूरा हो गया है। आयोजन के लिए घाट तैयार है और समिति की तैयारी भी अंतिम दौर पर है। पुलिस अफसरों ने इस बार सुरक्षा के लिहाज से परिसर में CCTV कैमरों की व्यवस्था करने को कहा है। जिससे सुरक्षा में आसानी होगी।
तोरवा में छठ पूजा आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ पुलिस अफसरों ने बुधवार की शाम बैठक की। इसमें एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल सहित अन्य अधिकारी और थाना प्रभारी मौजूद रहे। बैठक में समिति के अध्यक्ष प्रवीण झा ने कार्यक्रम के एजेण्डों की जानकारी दी। साथ ही समिति की ओर से की गई व्यवस्थाओं के बारे में बताया। इस दौरान पुलिस अफसरों ने भी सुरक्षा और पार्किंग व्यवस्था बनाने की बात कही।
इस बार छठ पर्व 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। यह सबसे कठिन व्रत में से एक है। इस दौरान महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखती हैं। पर्व में छठी मइया व सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है। चार दिनों तक मनाए जाने वाले इस पर्व की शुरुआत इस बार 28 अक्टूबर को नहाए-खाय और अरपा मइया की महाआरती से होगी। 29 अक्टूबर को खरना और 30 अक्टूबर की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे तक व्रत रखा जाएगा। इसके बाद 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन होगा और व्रत की पारणा की जाएगी।
Next Story