छत्तीसगढ़

यूपी-बिहार के अपराधियों के लिए छग बना सुरक्षित गढ़

Nilmani Pal
11 March 2022 5:17 AM GMT
यूपी-बिहार के अपराधियों के लिए छग बना सुरक्षित गढ़
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  1. छग पुलिस को चाक-चौबंद रहने की जरूरत
  2. योगी के पुन: यूपी के सीएम बनने के बाद बदमाशों का रूख छत्तीसगढ़ की ओर
  3. चुनाव से पहले खदेड़े गए गुंडे-बदमाशों ने छत्तीसगढ़ में जमाया डेरा
  4. शातिर अपराधियों ने शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में वारदात को दे रहे अंजाम
  5. स्थानीय बदमाशों ने पनाह देकर हायर किया सुपारी किलरों को
  6. पिछले तीन माह में पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर करोड़ों के गांजा, शराब यूपी-बिहार गैंग से जब्त किया

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। प्रदेश की पुलिस लोकल गुंडों-बदमाशों से नियंत्रित करने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर हौसले पस्त करने में जी तोड़ मेहनत कर रही है। स्थानीय गुंडे-बदमाशों को नियंत्रित करने स्पेशल सेल के साथ नारकोटिक्स सेल का गठन कर पूरे प्रदेश से गुंडे बदमाशों को खदेडऩे की मंशा से प्रदेश को क्राइम मुक्त करने की दिशा में काम कर रही है। वहीं पुलिस और स्थानीय बदमाशों के सूत्रधारों से पता चला है कि यूपी में चुनाव से पहले खदेड़े गए गुड़े बदमाशों ने छत्तीसगढ़ को सुरक्षित पनाहगढ़ मानकर शातिर बदमाशों का कुनबा छत्तीसगढ़ में डेरा डाल कर तस्करी, उठाईगिरी, नकबजनी, छिनताई, लूट, सट्टा, सुपारी किलिंग का ठेका चला रहे है। पुलिस इस मामले में गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। मकान मालिक ज्यादा किराए के लालच में बिना पहचान पत्र लिए किराए पर दे दिया है। वहीं पुलिस ने पिछले तीन माह में तस्करों को पकड़ा है उनमें से यूपी-बिहार के ही शातिर बदमाश ही पकड़े गए है। स्थानीय गैंगस्टरों ने इन बदमाशों के अपने फार्म हाउस और आउटरों में बने होटलों और मकानों में आश्रय दे रखा है। राजधानी के 70 वाडऱ्ो में यूपी-बिहार के बदमाशों ने ठिहा जमा लिया है। चरोदा धरसीवां, उरला, बिरगांव, टाटीबंध हीरापुर, सोनडोंगरी, अछोली, मोवा, सड्डू, सहित औद्योगिक क्षेत्र में अपना डेरा जमा लिया है। राजधानी में हुए पिछले तीन माह में जो अपराधी पकड़े गए उनका यूपी के बड़े आपराधिक गिरोह से कनेक्टिविटी का खुलासा भी हो चुका है। ये सभी यूपी के विभिन्न जिलों से जिलाबदर या खदेड़े गए अपराधी है जो रायपुर को सुरक्षित ठिकाना मानकर डेरा जमाया हुआ है।

राजधानी सबसे सुरक्षित ठिकाना

यूपी में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से पहले खदेड़े गए बदमाशों ने राजधानी रायपुर सबसे सुरक्षित ठिकाना मानकर रायपुर में अपने जान पहचान, रिश्तेदारों, परिचितों के यहां डेरा डालकर छोटे-छोटे फल-सब्जी की रेहड़ी लगाकर या औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षागार्ड, माली, ड्राइवर, हम्माली, मशीन आपरेटर, बिजली मिस्त्री, राजमिस्त्री बनकर काम कर रहे है।

ये प्रमुख शहर-गांव है जहां जमाया है डेरा

राजधानी के आउटर में बसे वार्डों उरला, सिलतरा, बिरगांव, खमतराई, हीरापुर, जरवाय, कबीर नगर, रायपुरा, रिंग के आसपास की कालोनी, पुराने धमतरी रोड में बने कालोनियों, बोरियाकला, मुजगहन, शंकर नगर, तेलीबांधा, राजेंद्र नगर, रायपुर, टिकरापारा, भाटागांव, कचना, टाटीबंध, सड्डू-मोवा, सरोना, सोनडोंगरी, मंदिर हसौद, केंद्री, नवा रायपुर के साथ धरसीवां, राजिम, अभनपुर, बलौदाबाजार, मांढर, हिरमी, सिमगा, अमलेश्वर, कुम्हारी, तिल्दा-नेवरा, भाटापारा-बैकुंठ, दुर्ग-भिलाई,महासमुंद-धमतरी, कांकेर, रायगढ़, कोरबा, अंबिकापुर,गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में यूपी बिहार का गैंग सक्रिय होकर अपराध को अंजाम दे रहा है।

पुलिस को मुखविरों का भरोसा जीतना जरूरी

पुलिस को मुखविरों का भरोसा जीतना भी जरूरी है ताकि गुंड़े-बदमाशों की जानकारी उन तक आसानी से पहुंचे। छत्तीसगढ़ में पुलिस बल की कमी को बदमाश अच्छी तरह जानते है, इसी कारण यूपी से खदेड़ते ही छत्तीसगढ़ में अड्डा जमाने के बदमाशों को कोई परेशानी नहीं हुई। यहां आने पर कोई पूछताछ तक नहीं हुई और वो आसानी से परिवार के सदस्य के तौर पर रहने लगे। दिन में रेकी कर रात में चोरी को अंजाम दे रहे है। पुलिस सख्ती से मुसाफिरी दर्ज नहीं करती और न ही गली-मोहल्लों में घर-घर जाकर पूछताछ नहीं कर पाती। बिरगांव, उरला अछोली में तो बदमाशों ने बकायदा परिवार के साथ डेरा डालकर राशन कार्ड तक बना लिया है।

छत्तीसगढ़ में भी सुपारी किलर मौजूद

पिछले दिनों रायपुर में एक प्रॉपर्टी डीलर के हत्या का प्रयास किया गया. इतना ही नहीं आरोपी ने घायल की मदद करने वाले लोगों पर भी हमला किया है. विस अध्यक्ष सहित मंत्री-विधायक और बड़े-बड़े अधिकारियों के बंगले के पास दिन दहाड़े इस प्रकार की घटना राजधानी की सुरक्ष व्यवस्था पर सबाल खड़ा कर रहा है। अपराधी स्वयं कबूल कर रहा है कि 50 हजार की सूपारी ले कर चाकू मारा है इस पर भी पंडरी पुलिस का कहना है कि ये आपसी मामला है। पुलिस इस गंभीर मामले को भी हल्के में ले रही है जबकि अपराधी से कड़ाई से पूछ-ताछ कर सूपारी देने वाले के गिरेवान में हाथ ड़ालना चाहिए।

पुलिस बाहार से आए गुंड़े-माफियाओं के मामले को हल्के में न ले

पुलिस के लिए यूपी से आए बदमाश सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है। पुलिस चाह कर भी उन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। क्योंकि अन बहदमाशों को स्थानीय छुटभैया नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है। ये बदमाश यहां रहने का छुटभैया नेताओं को नजराना देते है। राजधानी में जिस रफ्तार से पिछले तीन महीने अपराध का ग्राफ बढ़ा है उसे पुलिस सामान्य घटना मानकर हल्के में ले रही है। तस्करी से लेकर चाकूबाजी के मामले में जो आरोपी पकड़े गए उनका कनेक्शन सीधे यूपी से होने का खुलासा खुद पुलिस कर रही है। ये लोग यहां कमाने-खाने आकर मेहनत मजदूरी कम अपराध को ज्यादा अंजाम दे रहे है। पुलिस का हमेशा जबाव यहीं रहता है कि अपराधियों की केस हिस्ट्री निकाली जा रही है। लेकिन आज तक किसी भी अपराधी का केस हिस्ट्री नहीं निकाला जा सका। मामूली जमानती धारा के अपराध में निजी मुचलके पर छोड़ दिया जा रहा है। जिसके अपराधियों से पुलिसवालों से जान पहचान बढऩे से कही भी फंसने पर पुलिस वाले का नाम बताकर थाने से निकल जाते है।

फेरी लगाने वाले सभी व्यापारियों का यूपी से कनेक्शन

शहर में फेरी वाले कपड़ा, सर्फ डिटरजेंट, सौंदर्य प्रसाधन, बाल्टी,कंबल, शाल सहित सीजनल धंधा करने वालों का मुसाफिरी दर्ज ही नहीं होता है। ये कारोबारी सीजन के हिसाब से छत्तीसगढ़ आकर धंंधा करते है। उनके साथ उनकी पूरी बटालियन साथ रहती है। जो मौका देखकर अपराध को अंजाम देने से भी नहीं चूकते है।

प्रदेश में बढ़ते अपराध भाजपा विधायकों ने उठाए सवाल

विधानसभा के चौथे दिन प्रदेश में बढ़ते अपराध के मामले पर भाजपा ने स्थगन लेकर आई. प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा के बाद आसंदी ने अग्राह्य कर दिया. विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बहुत सी घटनाओं का जवाब नहीं आया है. स्थगन प्रस्ताव को ग्राह्य कर चर्चा कराई जाए. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू स्थगन पर जवाब देते हुए कहा कि उल्लेखित मामलों पर चालान प्रस्तुत किया जा चुका है, और कार्रवाई जारी है. यह कहना सही नहीं कि अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है. सरकार की ओर से सभी मामलों में त्वरित कार्रवाई की गई है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अवैध कार्य करने वालों के द्वारा जनप्रतिनिधि पर कार्रवाई कराई जा रही. अवैध कार्यों के कारण प्रदेश बर्बाद हो रहा है. छत्तीसगढ़ ऐसा नहीं था, आज किस ओर जा रहा है. आज पुलिस का मॉरल गिरा दिया गया है. क्राइम ब्यूरो के अनुसार, प्रदेश हत्या के मामले में तीसरे स्थान पर, बुजुर्गों के अपराधिक मामले में दूसरे स्थान पर, अपहरण के मामले में सातवें स्थान पर है. छत्तीसगढ़ आज अपराध का गढ़ बन गया है. विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि 5 हजार प्रकरण से ज्यादा ऑनलाइन ठगी के हैं. सड़क दुर्घटना की सरकार को कोई चिंता नहीं है. आत्महत्या के प्रकरण प्रदेश में बढ़े हैं. विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है. अपराधियों का मनोबल बढ़ा है. जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में नशे का व्यापार पनपा है. ड्रग्स पेडलर और सप्लायर की बड़ी संख्या है. रेत माफियाओं पर कार्रवाई नहीं हो रही. नेताप्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है. अधिकांश अपराधों में पुलिस भी संरक्षण दे रही. पुलिसिंग मॉरल भी कम हुआ हैं।

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