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छत्तीसगढ़
रायपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 'दीर्घायु वार्ड' योजना के अंतर्गत राज्य के 17 जिला अस्पतालों में डे-केयर कीमोथेरेपी सुविधा संचालित की जा रही है। इससे प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और आदिवासी अंचलों के कैंसर मरीजों को भी यह जरूरी सुविधा मिल रही है। सुदूर बस्तर संभाग के 4 जिला अस्पतालों दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर और कांकेर तथा सरगुजा संभाग के बलरामपुर, जशपुर, सरगुजा और सूरजपुर जिला अस्पतालों में मरीजों की निःशुल्क कीमोथेरेपी की जा रही है। बालोद, बेमेतरा, बिलासपुर, गरियाबंद, जांजगीर, कोरबा, मुंगेली, रायपुर और धमतरी के जिला अस्पतालों में भी यह सुविधा शुरू की जा चुकी है। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में चरणबद्ध रूप से कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी पहल पर राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा दूर-दराज के इलाकों में भी अच्छी चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने नई-नई सुविधाएं शुरू की जा रही हैं। इन अस्पतालों में पिछले डेढ़ वर्षों में 1047 कैंसर मरीजों की कीमोथेरेपी की गई है।
जगदलपुर जिला अस्पताल में 516, जशपुर में 296, अंबिकापुर में 86, सूरजपुर में 37, कांकेर में 24, जांजगीर में 21, रायपुर में 17, धमतरी में 15, नारायणपुर में 13, बेमेतरा में 12, बलरामपुर में तीन, बिलासपुर, गरियाबंद और दंतेवाड़ा में दो-दो तथा बालोद जिला अस्पताल में एक मरीज की कीमोथेरेपी इस दौरान की गई है।
कीमोथेरेपी के साथ ही जिला अस्पतालों में कैंसर की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। बीते डेढ़ वर्षों में कीमोथेरेपी सुविधा वाले 17 जिला अस्पतालों में 4598 व्यक्तियों में कैंसर की जांच की गई है। इस दौरान जगदलपुर जिला अस्पताल में 2063, धमतरी में 810, गरियाबंद में 482, जशपुर में 335, सूरजपुर में 329, रायपुर में 242, जांजगीर में 104, कांकेर में 65, बिलासपुर में 47, बालोद में 39, बेमेतरा में 33, बलरामपुर में 23, अंबिकापुर में 14, दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 12 लोगों में कैंसर की स्क्रीनिंग की गई है।
Shantanu Roy
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