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बिलासपुर। बड़ी कोनी में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को काम दिलाने का झांसा देकर महिला एवं बाल विकास की सुपरवाइजर ने चार लाख स्र्पये ले लिए। बाद में उसने साथ में काम करने का झांसा देकर रजिस्ट्रेशन लेटर और अन्य दस्तावेज भी रख लिया। बाद में महिलाओं ने अपने रुपए वापस मांगे तो सुपरवाइजर उन्हें धमकियां देने लगी। समूह की सदस्यों ने इसकी शिकायत आइजी रतनलाल डांगी और एसपी पारुल माथुर से की। इस पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर महिला सुपरवाइजर को गिरफ्तार किया है।
कोनी में रहने वाली हेमलता खांडे महामाया स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 में उनकी पहचान महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर सृष्टि चंद वर्मा(23) से हुई थी। वह मस्तूरी विकासखंड में पदस्थ है। सुपरवाइजर ने उन्हें काम दिलाने का झांसा देकर चार लाख दो हजार 820 स्र्पये ले लिए। इसके बाद उसने साथ में काम करने की बात कहते हुए समूह के दस्तावेज भी मांगे। उसने इसमें मोटा मुनाफा होने की बात कही।
सुपरवाइजर की बातों में आकर महिलाओं ने समूह के दस्तावेज भी उसे सौंप दिए। इसका सुपरवाइजर ने एग्रीमेंट भी कराया। इसमें उसने नौ माह में मुनाफे के साथ स्र्पये लौटाने की बात लिखकर दी। समय बीतने पर महिलाओं ने अपने रुपए वापस मांगे। इस पर सुपरवाइजर टालमटोल करने लगी।
बाद में वह महिलाओं को धमकियां देने लगी। सुपरवाइजर की हरकतों से परेशान होकर महिलाओं ने इसकी शिकायत आइजी रतनलाल डांगी और एसपी पास्र्ल माथुर से की। अधिकारियों के निर्देश पर कोनी पुलिस ने जांच के बाद मामले में जुर्म दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले में सुपरवाइजर सृष्टिचंद वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

Shantanu Roy
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