छत्तीसगढ़

सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

Shantanu Roy
11 Aug 2023 4:46 PM GMT
सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ की ठगी, आरोपी गिरफ्तार
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छग
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में IG दफ्तर के एक कॉन्स्टेबल ने DGP कोटे से पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवकों और परिजनों से एक करोड़ 13 लाख रुपए की ठगी कर ली। युवकों को फर्जी सिलेक्शन लिस्ट दिखाकर धोखे में रखा। आरक्षक के इस कांड में उसका जीजा भी शामिल है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। पहले भी वह BJP पार्षद और नगर निगम कर्मी के साथ मिलकर इसी तरह धोखाधड़ी कर चुका है। सिविल लाइन टीआई परिवेश तिवारी ने बताया कि मस्तूरी क्षेत्र के रहने वाले महेश पाल और दूसरे बेरोजगार युवकों ने धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि IG ऑफिस में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला ने उन्हें पुलिस विभाग में नौकरी लगाने की बात कही। उसने पीड़ितों को बताया कि विभाग के अधिकारियों से उसकी अच्छी जान-पहचान है और वह उनकी नौकरी लगा सकता है। लेकिन, इसके लिए पैसे देने होंगे।
पुलिस की नौकरी पाने की उम्मीद से युवक उसकी बातों में आ गए। जिसके बाद पंकज शुक्ला ने युवकों से एक करोड़ से अधिक रुपए वसूल लिए। आरक्षक जब नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी के एक दूसरे केस में फंसा तब उसके झांसे में आए बेरोजगार युवकों को इसका पता चला। इस बीच कॉन्स्टेबल जेल जाने के बाद जमानत पर छूट गया। जिसके बाद पीड़ित युवक और परिवार के सदस्य उसके घर पहुंचे। वहां पर कोरबा के अमरैय्यापारा निवासी आरक्षक का जीजा रमाशंकर पांडेय मिला। उसने रुपए वापस करने का भरोसा दिलाया और उन्हें लौटा दिया। लेकिन, बाद में आरक्षक और उसका जीजा पैसे वापस करने टालमटोल करने लगे।
परेशान होकर पीड़ितों ने इसकी शिकायत IG और SP से की। जिसकी जांच सीएसपी को करने के निर्देश दिए गए। सीएसपी ने पीड़ितों का बयान दर्ज किया और पैसे देने के सबूतों की जांच की, जिसमें सभी आरोप सही पाए गए, जिसके बाद उन्होंने सिविल लाइन पुलिस को केस दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने आरक्षक पंकज शुक्ला और उसके जीजा रमाशंकर पाण्डेय के खिलाफ धारा 120 (बी), 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है। पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि आरक्षक पंकज शुक्ला ने सभी युवकों को बताया था कि उसकी पहुंच कई पुलिस मुख्यालय में बड़े अफसरों तक है। इसलिए वह DGP कोटे से वह कई लोगों की नौकरी लगवा सकता है। इसके लिए आरक्षक ने बेरोजगार और उनके परिजनों से अलग-अलग सौदा किया। फिर एडवांस में पैसे वसूल लिया। बेरोजगार युवकों के पैसे देने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी, तब सभी आरक्षक पंकज शुक्ला के पास गए। इस दौरान उन्होंने पैसे वापस देने की मांग की, जिस पर आरक्षक ने उन्हें झांसा दिया। साथ ही बताया कि उसके पास सिलेक्शन लिस्ट आ गया है, जिसमें सभी का नाम है। उसने भरोसे में लेने के लिए युवकों को फर्जी सिलेक्शन लिस्ट भी दिखाई। साथ ही कहा कि बाकी के पैसे देने के बाद उन्हें नियुक्ति आदेश भी दे दिया जाएगा। इसके बाद युवक फिर से उसके भरोसे में आ गए।
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