छत्तीसगढ़

धोखाधड़ी: प्रोफेसर सहित चार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज

Nilmani Pal
13 Jun 2022 9:16 AM GMT
धोखाधड़ी: प्रोफेसर सहित चार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज
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भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर की सेवा पुस्तिका से छेड़छाड़ करने के मामले में नेवई पुलिस ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव व पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के प्रोफेसर सहित चार के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। इन लोगों ने सेवा पुस्तिका में गलत एंट्री करके उन्हें नौकरी से हटाने का षड़यंत्र किया था। नेवई पुलिस ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के उप कुलसचिव राजेंद्र कुमार चौहान, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. रोहिणी प्रसाद, कार्यालय सहायक दैनिक वेतन भोगी संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा रुपेश मार्कस और वजीर आलम संविदा कर्मी संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा के खिलाफ धारा 467, 468, 471, 418 व 34 के तहत जीरो में अपराध दर्ज किया है।

नेवई टीआई ममता शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के प्रॉक्टर डॉ. राम नारायण खरे ने प्राचार्य को नौकरी से निकालने व सेवा पुस्तिका में अनाधिकृत प्रविष्टि दर्ज करने की शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. खरे ने शिकायत में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के 31 जनवरी 2020 को जारी आदेश पर संविलयन के दौरान समस्त Assets और Liabilities विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग महाविद्यालय अम्बिकापुर की छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई को ट्रांसफर कर दी गई थीं। इसमें अंबिकापुर महाविद्यालय के सभी अधिकारी व कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका भी सीएसवीटीयू भेजी गई थीं।

जांच करने पर पाया गया कि डॉ. राम नारायण की सेवा पुस्तिका के पेज क्रमांक 13 में फर्जी तरीके से छेड़छाड़ कर छलपूर्वक कूटरचना कर प्राचार्य का कार्यकाल 5 वर्ष का होना गया था। इस पर डॉ. खरे ने 20 सितंबर 2019 को राजभवन को इसकी जानकारी दी। डॉक्टर खरे इस पर कार्रवाई करने राजभवन को 31 दिसंबर 2020 को दोबारा पत्र लिखा। इसके बाद डॉक्टर खरे की पदस्थापना व जॉइनिंग प्राचार्य के तौर पर भिलाई में हो गई थी। जब सीएसवीटीयू के कुलसचिव ने मूल नस्ती का अवलोकन किया तो पता चला कि डॉ. खरे की सेवा पुस्तिका की मूल नस्ती के चार पेज दिनांक 28 अगस्त 2019 से लेकर 31 अगस्त 2019 तक गायब हैं। इस पर सीएसवीटीयू के कुलसचिव ने अम्बिकापुर कुलसचिव को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी।


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