निकाय चुनाव को लेकर बिलासपुर में आयोजित कांग्रेस की मीटिंग में बवाल
प्रदेश महामंत्री की पूर्व महापौर ने की बेइज्ज्ती
नये और हल्की उम्र के अनुभवहीन लोगों को पदाधिकारी बनाने का परिणाम निष्ठावान कांग्रेसी नहीं कर पा रहे बर्दाश्त
कांग्रेस में पार्टी में सिरफुटव्वल और बवाल
रायपुर/बिलासपुर (जसेरि)। बिलासपुर कांग्रेस भवन में आयोजित आने वाले नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में दीपक बैज के नेतृत्व में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें सुबोध हरितवाल की बिलासपुर के वरिष्ठ कांग्रेसजनों ने भरी मीटिंग में बेइजत्ती कर मीटिंग से बाहर निकाला है। कांग्रेस भवन में आयोजित बैठक के बाद उस समय हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब कांग्रेस के बिलासपुर लोकसभा प्रभारी सुबोध हरितवाल और वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मेयर राजेश पांडे के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. घटना के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, बिलासपुर कांग्रेस भवन में आज नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के संबंध में एक बड़ी बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें मु य रूप से पीसीसी चीफ दीपक बैज भी शामिल हुए थे। इसी बैठक पूर्व मेयर राजेश पांडे को बोलने का मौका नहीं दिया गया। जिसके बाद राजेश पांडे और सुबोध हरितवाल के बीच तीखी नोकझोंक हो गई।
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— Pappu Farishta Journalist by birth (@pappu_farishta) November 28, 2024
गौरतलब है कि राजेश पांडे कांग्रेस के पूर्व महापौर और वरिष्ठ नेता है। जिन्होंने अपने जूनियर महामंत्री को तू-तडक़े से बात करने से टोका और बेइज्जती पूर्वक बात करने के कारण लताड़ा वही नाम ना छपने के शर्त कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि आज की मीटिंग में प्रदेशअध्यक्ष दीपक बैज नहीं होते तो उसको भागने का या बाहर निकलने का भी मौका नहीं मिलता है और जमकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की छीछालेदर होती और कांग्रेस भवन में जबरदस्त मारपीट हो जाती।
रायपुर के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा है कि ये गुटबाजी अंतिम चरणों में चढ़ गई है। जिसकी वजह से ये परिणाम सामने आ रहे है। एक रायपुर के वरिष्ठ कांग्रेसजनों में फिर से इस प्रकार से घटना को लेकर चर्चा आम हो गई है कि जूनियर एवं नए-नवेले आये हुए कांग्रेस में बड़ा पदाधिकारी बनाने का परिणाम इसी तरह से आएगा और पार्टी के हर पटल पर वरिष्ठजनों की बेइज्जती होने के कारण पार्टी की दुर्गति होती रहेगी और आने वाले समय में आलाकमान से मिलकर वरिष्ठ कांग्रेसजन गुजारिश करेंगे कि कम से कम प्रदेश कांग्रेस कमेटी में वरिष्ठ और पुराने कांग्रेस के विचारक और कांग्रेस परिवार के ही लोगों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारी बनने का मौका दिया जाए। वहीं पर बिलासपुर के सभी वरिष्ठ कांग्रेसजन मिलकर सचिन पायलट प्रभारी रायपुर आगमन पर सुबोध हरितवाल की शिकायत कर पद मुक्त करने की मांग की जाएगी। वहीं बैठक में उपस्थित कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने हस्तक्षेप कर दोनों नेताओं के बीच सुलह कराई। विवाद शांत होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज रायपुर के लिए रवाना हो गए।
कांग्रेस में लगभग हर जि़ले में विवाद की स्थिति है यही कारण है कि कांग्रेस अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है और सट्टा, जुआ, गांजा, बिल्डर माफिय़ा और भ्रष्ट अधिकारियों के बच्चे पैसा देकर पदाधिकारी बन जाते हैं जिसका यह परिणाम है। जो पुराने कांग्रेसी है और जिनका कांग्रेस से बरसों पुराना रिश्ता है तथा जो कांग्रेस परिवार के कल्चर के हैं, कांग्रेस की विचारधारा से परिवार सालों से जुड़ा है। ऐसे ही कांग्रेसी नए पदाधिकारियों के चलते पार्टी से दूर होते जा रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस कमज़ोर होती जा रही है। अभी-अभी रायपुर दक्षिण के चुनाव में कांग्रेस को भारी नुक़सान उठाना पड़ा और बड़े अंतर से और उसे करारी सिक्सत मिली। इसके बावजूद कांग्रेस कमेटी ने सबक़ नहीं लिया। छोटी व हल्के उम्र और जिसको अनुभव नहीं उन लोगों को अपने साथ लेकर दीपक बैज यूथ कांग्रेस जैसी टीम बनाने में लगे हुए है। यही स्थिति रही तो आने वाले नगर निकाय चुनावों में भी ऐसे ही मंजर नजर आएंगे। महासमुंद में भी पार्षद और बड़े पुराने कांग्रेसी दीपक बैज के दौरे में शामिल नहीं हुए और जो हुए भी वह औपचारिकता निभाते नजऱ आए। बिलासपुर की घटना को देखें तो स्पष्ट है पुराने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वहां के स्थापित पूर्व महापौर के साथ खुलेआम दादागिरी और गाली गुप्तार होना एक गंभीर विषय है और कांग्रेस पार्टी को इस बात का चिंतन मनन करना अति आवश्यक कांग्रेस विचारधारा और कांग्रेस के अल्सर के पुराने कांग्रेस जान जब तक कांग्रेस में पदाधिकारी बनकर बागडोर नहीं समा लेंगे तब तक कांग्रेस पार्टी का किसी भी प्रकार का भला होने वाला नहीं है न ही है कांग्रेस पार्टी को आगामी चुनाव में सफल होना है तो कांग्रेस पार्टी को पुराने कर्मठ पीढ़ी दर पीढ़ी वाले विचारक कांग्रेसियों को सामने लाना चाहिए और लड़ाई झगड़े से बचना चाहिए।
चुनाव दर चुनाव पराजय से कार्यकर्ता हताश
इस परिणाम से कांग्रेस को आत्मचिंतन की ज़रूरत है। कांग्रेस अपनी पुरानी विचारधारा से भटक गई है। इसलिए यह दुष्परिणाम उनको कमोबेश पूरे देश में झेलना पड़ रहा है। इंदिरा गांधी का नारा था ना जात पे ना पात पे मुहर लगेगी हाथ पे उस विचारधारा को छोडक़र वर्तमान में नई पीढ़ी के नेता राहुल गांधी जातिवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। इसलिए ऐसे परिणाम सामने आ रहे हैं। जिसके लिए कांग्रेस को पुन: एक बार आत्ममंथन की आवश्यकता है।