छत्तीसगढ़

बदल जाना कोई बड़ी बात नहीं इंसान के लिए, कीमत अच्छी लगनी चाहिए ईमान के लिए

Nilmani Pal
23 Feb 2024 6:09 AM GMT
बदल जाना कोई बड़ी बात नहीं इंसान के लिए, कीमत अच्छी लगनी चाहिए ईमान के लिए
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

पिछले कुछ सालों में नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला बहुत हो गया है, वजह कुछ भी हो नेता ही जाने, लेकिन जनता और समर्थक हैरान हैं । अधिकतर नेता बीजेपी के नाव में सवार हो रहे हैं। बड़े बड़े और घाघ नेता भी लाइन में खड़े दिख रहे हैं। देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता एक-एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे राजनीतिक पार्टियों में पतझड़ का मौसम आ गया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि प्रधानमंत्री और बीजेपी के नेताओं ने यह कहा था कि अब कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे । लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए ऐसा दिख रहा है कांग्रेस युक्त भाजपा न हो जाये।

भविष्य की चिंता सबको रहती है और उज्जवल राजनीतिक भविष्य भाजपा में इनको बेहतर दिख रहा है। लेकिन भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं को अपना भविष्य कुछ समझ नहीं आ रहा है लेकिन अनुशासन बड़ी चीज है। खैर पाला बदलना तो सभी पार्टियों में होता है यह पहली बार नहीं हो रहा है ऐसा तो चलते आ रहा है। लेकिन जिस प्रकार से अभी बीजेपी में शामिल होने नेताओं में होड़ मची है ऐसे में भाजपाई भी डर रहे हैं कि कहीं ऐसे नेता बीजेपी को ही न बदल दें। पहले आओ पहले पाओ लोकसभा चुनाव की तारीख का अभी ऐलान नहीं हुआ है और भाजपा के बड़े नेताओं ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दिए हैं। और मतदाता जोड़ो अभियान में लग गए हैं, जबकि कांग्रेस के नेता भारत जोड़ो और न्याय यात्रा में समय व्यतीत कर रहे हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि यही कांग्रेस की सबसे बड़ी खासियत है कि जब प्यास लगती है तब कुआं खोदती है, वहीं भाजपा वाले केंद्र से योजना लाकर घर-घर जाकर नल जल योजना से पानी पहुंचा कर प्यास बुझा रहे हंै। करे कोई, भरे कोई कहते हैं कि वन विभाग का मंत्री होना भी बहुत बड़ा जोखिम भरा पद है। आये दिन वन्य जीव शिकारियों के द्वारा लगाए गए फंदे में फंसकर बे मौत मारे जा रहे हैं।ऐसा पिछले सरकार से चले आ रहा है। जबकि नई सरकार को बैठे दो माह हो गए है अब पुराने सरकार के किए धरेो का जवाब नए मंत्रियों को देना पड़ रहा है। विधानसभा में मंत्री को जवाब देना मुश्किल हो जाता है ऐसे में करें तो करें क्या ? जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये तो ऐसा हो गया करे कोई भरे कोई। टिकट के पहले पसीने छूट रहा भाजपा नेतृत्व की कार्यशैली से सभी भलीभांति परिचित हैं। कब किसे फर्श से अर्श पर फर्श से अर्श पर पंहुचा दे कोई कुछ कह नहीं सकता। युवा नेता कापी उछल कूद मचा रहे है दौड़-दौड़ कर काम कर रहे है इन सबको देखकर पुराने नेता डरे हुए हैं । कही इसके उछल कूद को देखकर कही हमको घर न बिठा दे। इसलिए वो भी दौड़ भाग कर रहे हंै और जनता की समस्या सुन रहे हैं। किसी प्रकार का बयानबाजी से बच रहे हैं। कब कौन सा बयान उल्टा पड़ जाये और टिकट से हाथ धोना पड़ जाये। वैसे भी बीजेपी नेतृत्व नए लोगों पर ज्यादा भरोसा कर रही है बनिस्पत पुराने के। मूणत बोले तो आग का गोला पूर्व मंत्री और विधायक राजेश मूणत विपक्ष को घेरने में जरा भी कोताही बरतते। वैसे भी पंद्रह साल मंत्री रहते उनके तेवर लोगों ने देखा है, अब मंत्री नहीं बनाये जाने पर घायल शेर की तरह हो गए हैं और विपक्षी कांग्रेस की गलती देखते ही लपक लेते हैं और बखिया उधेडऩे में कोताही नहीं करते। कांग्रेसी भी सोच समझ कर ही बयान देते नजर आ रहे हैं। जनता में खुसुर फुसुर है कि महाशिवरात्रि की शोभा यात्रा निकाल कर विधायक तो बन गए लेकिन मंत्री नहीं बन पाने दर्द नए मंत्रियों को देखकर और बढ़ जाता है। कोई राजेश मूणत के दर्दे दिल की दवा दे दे नहीं तो किसी दिन विधानसभा में अससंदीय व्यवहार बी हो सकता है। समय सबसे बड़ा बलवान सामुदायिक भवन को आलीशान बनाने में जो निगम और स्मार्ट सिटी ने करोड़ों रुपए खर्च किए वह किसके आदेश से हुए मंत्री या स्मार्ट सिटी कमिश्नर या शकुन डहरिया के कहने पर।

मंत्री पद को पचा पाना हर किसी का काम नहीं है। पहली बार मंत्री बने शिव डहरिया को हार का सामना करना पड़ा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि आरंग विधायक खुशवंत साहेब ने इस मामले पर उनके चाल चरित्र की धज्जिया उड़ाकर आरंग सीट पर कब्जा करने के बाद भी डहरिया को कही भी नहीं छोड़ रहे हैं। खुशवंत साहेब अब शकुन की आलीशान सामुदायिक भवन के हीरो बने हुए है। कहते है उनके ही कहने पर यह भांड़ा फूटा है। कल तक हाथ जोड़े सिर झुकाकर खड़े रहने वाले नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारी अब डहरिया साहब को नोटिस पकड़ा कर सात दिन में भवन खाली करने कह रहे है। इसे कहते है वक्त का तकाजा। यदि आपने वक्त की कद्र नहीं की तो ऐसा दिन आएगा कि वक्त आपका कद्र नहीं करेगा। हत्या का न्याय : एक विधायक तो दूसरा सांसद साजा विधायक ईश्वर साहू के बेटे की हत्या की जांच अब सीबीआई करेगी इसका ऐलान विधानसभा में गृहमंत्री विजय शर्मा ने की है। इस मामले में ईश्वर साहू ने कहा कि मुझे तो न्याय पर पूरा विश्वास है, लेकिन कांग्रेसियों को अब न्याय पर विश्वास होते दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका स्वागत करते हुए कहाकि कवर्धा के साध राम यादव की हत्या का भी सीबीआई जांच कराए और उसके परिवार को सासंद का टिकट दे। साजा में जो हिन्दुत्व के नाम पर राजनीति कर ईश्वर साहू को टिकट दिया है तो साधराम यादव की भी हत्या की सीबीआई जांच हो और साध राम की विधवा पत्नी को लोकसभा का टिकट दे भाजपा। जनता में खुसुर -फुसुर है कि राजनीति में कही भी कुछ हो सकता है। भाजपा 11 सीट जीतने का दावा कर रही है तो मान कर चलें कि साधराम के परिवार को भी साधा जा सकता है महतारी वंदन योजना से।

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