मुंगेली/लोरमी। अचानकमार के जगंलों में वर्षों से भोले भाले बैगा आदिवासी निवासरत है। इन आदिवासियों को बहला फुसला कर, पैसों का प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन कराने का काम किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला मुंगेली जिले के लोरमी थाना के खुड़िया चौकी के वनग्राम अतरिया से निकल कर आया है। यहां मृतक बुधराम का अंतिम संस्कार गैर हिंदू धर्म की रीति-रिवाज से दफना दिया गया है। मृतक के 2 बेटे हैं, जिसमें छोटे बेटे ग्राम सेवक को जंगल में ही रहने वाले बाहर से आकर बसे कुछ लोगों ने पैसों का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराकर यह कार्य कराया है। इसकी जानकारी जब मृतक के बड़े बेटे को हुई तो उसने इस पूरी घटना की जानकारी अपने आदिवासी समाज के लोगों और जनप्रतिनिधियों को दी। इस पर सभी लोगों ने इस बात का विरोध किया और ऐसे कृत्य करने वाले लोगों की पतासाजी की जिसमें पता चला कि कुछ लोगों ने धर्म परिवर्तन कराकर यह कृत्य किया है। उन सभी लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत खुड़िया चौकी में करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई।
वहीं इस मामले में आस-पास के लोगों से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि यह धर्म परिवर्तन का खेल एक संस्था की ओर से चलाया जा रहा है, जो कि विगत कई सालों से यहां चल रहा है। अतरिया के ग्रामीणों ने बताया कि करीब 20 साल पहले सरगुजा से उरांव जाति के लोग यहां रहने आए थे। उनकी ओर से ही लोगों को बरगला कर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि जिन लोगों की ओर से भोले भाले आदिवासियों को बरगला कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।