छत्तीसगढ़

पाॅवर कंपनी मुख्यालय में अध्यक्ष सुबोध सिंह ने किया ध्वजारोहण

Nilmani Pal
26 Jan 2025 6:02 AM GMT
पाॅवर कंपनी मुख्यालय में अध्यक्ष सुबोध सिंह ने किया ध्वजारोहण
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रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनीज के डंगनिया, रायपुर स्थित मुख्यालय में गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा तथा पाॅवर कंपनीज के अध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह द्वारा ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर सिंह ने प्रदेश की सर्वांगीण प्रगति में बिजली से आए बदलाव का उल्लेख किया। उन्होंने आह्वान किया कि बिजलीकर्मी प्रदेश तथा देश के भावी विकास में भागीदार बनें। इस अवसर पर अध्यक्ष सिंह ने कहा- हमारा महान संविधान, हमारे महान पुरखों के संघर्षों, उनकी प्रतिभा और दूरदर्शिता का प्रतीक है। लगभग दो सौ वर्षों की गुलामी के बाद, आजाद हुए देश को अपना संविधान बनाने में, मात्र दो वर्ष, ग्यारह माह, अठारह दिन का समय लगा था। जो अपने आप में दुनिया के इतिहास में सबसे विस्तृत, उदार व लोक कल्याणकारी संविधान साबित हुआ। इसलिए आज का अवसर हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और संविधान निर्माताओं को याद करने और उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का भी है।

सिंह ने कहा- यह बहुत ही गौरव का विषय है कि आजादी की लड़ाई की तरह, संविधान के निर्माण में भी छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हमारे प्रदेश की महान विभूतियां भी संविधान सभा की सदस्य रही हैं। आज संविधान निर्माता डाॅ. बाबा साहब अंबेडकर के साथ मैं, उन सभी को सादर नमन करता हूं।

बिजली से समान अवसर

उन्होंने कहा- हमारा संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और समान अवसरों की सौगात देता है। आप सभी बिजली के उत्पादन, पारेषण और वितरण के क्षेत्र में काम करने वाले साथियों का योगदान भी, प्रत्येक नागरिक को बिजली की शक्ति से समान अधिकार और समान अवसर दिलाने के लिए दर्ज हुआ है। मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है कि प्रदेशवासियों को सुख, सुविधा और समृद्धि प्रदान करने में आप सभी बिजली कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा है।

दूरदर्शिता से उत्पादन

सिंह ने कहा- विकास के साथ बिजली की बढ़ती मांग एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। छत्तीसगढ़ में उत्पादन, पारेषण और वितरण तीनों कंपनियों को साथ में मिलकर पर्याप्त, निरंतर और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति न्यूनतम संभावित दरों पर करने हेतु अपनी-अपनी भूमिका का निर्वाह करना है।

राज्य को बिजली, हमारे बिजलीघरों के अलावा भी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध होती है। इसके बावजूद हमारी स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी द्वारा दूरदर्शितापूर्वक भावी आवश्यकताओं का आकलन करते हुए नए बिजलीघरों की स्थापना हेतु समुचित प्रयास किए जा रहे हैं।

नए बिजलीघरों की स्थापना

सिंह ने कहा- कोरबा पश्चिम में 1 हजार 320 मेगावाॅट क्षमता के सुपर क्रिटिकल थर्मल पाॅवर प्रोजेक्ट के लिए प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत निविदा, प्रक्रिया में है। पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु एनटीपीसी, टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट काॅर्पोरेशन तथा सतलज जल विद्युत निगम का सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए 5 स्थानों पर 7 हजार 300 मेगावाॅट क्षमता की परियोजनाओं के डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगति पर है।

प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना‘ के अंतर्गत बड़े पैमाने पर घरेलू उपभोक्ताओं की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का अभियान भी छेड़ा गया है। मंै चाहूंगा कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदाय करने वाली इस योजना का लाभ, आप सब तथा प्रदेश की जनता ज्यादा से ज्यादा संख्या में उठाएं।

पारेषण प्रणाली के विकास में जोर

अध्यक्ष ने कहा- अतिउच्चदाब पर पाॅवर ट्रांसमिशन नये युग की बड़ी जरूरत है। इसके माध्यम से ही हम प्रदेश के विभिन्न बिजलीघरों में उत्पादित बिजली का समुचित उपयोग कर सकते हैं। इंटर-स्टेट ग्रिड का लाभ भी ले सकते हंै। इस दिशा में विगत एक वर्ष में अच्छी प्रगति की गई है।

400 के.वी. क्षमता के 4 उपकेंद्र वर्तमान में कार्यरत हैं, वहीं 2 नये उपकेंद्रों धरदेही तथा पिथौरा के निर्माण हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। विगत एक वर्ष में 132 के.वी. क्षमता के 3 तथा 220 के.वी. क्षमता के एक उपकेंद्र का कार्य पूर्ण कर संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। इस तरह प्रदेश में पारेषण ट्रांसफाॅर्मरों की क्षमता, जो कि राज्य गठन के समय मात्र 3 हजार 552 एम.वी.ए थी वह अब 7 गुना बढ़कर 25 हजार 880 एम.वी.ए हो गई है। पूर्व स्वीकृत कार्ययोजना के अनुसार 400 के.वी, 220 के.वी. तथा 132 के.वी. क्षमता के 33 उपकेंद्रों का निर्माण समय सीमा में पूरा किया जाएगा।

सस्ती और निर्बाध विद्युत आपूर्ति पर फोकस

उन्होंने कहा- पारेषण कंपनी द्वारा 920 मेगावाॅट की सोलर परियोजनाओं को कनेक्टिविटी प्रदान की गई है जो सौर ऊर्जा के बढ़ते उत्पादन और उपभोग का प्रतीक है। हमारी वितरण कंपनी को एक साथ अनेक दायित्व निभाने पड़ते हंै। अंतिम उपभोक्ता को गुणवत्तापूर्ण निरंतर विद्युत आपूर्ति के माध्यम से संतुष्ट रखने की जिम्मेदारी भी निभानी होती है।

विगत एक वर्ष में 66 उपकेन्द्र तथा 14 हजार 834 वितरण ट्रांसफाॅर्मर स्थापित किये गये हंै। वहीं 33 के.वी., 11 के.वी. तथा निम्नदाब लाइनों को मिला कर कुल 16 हजार 103 किलोमीटर लाइनों का निर्माण किया गया है। प्रचलित कार्ययोजना के अनुसार आगामी एक वर्ष में वितरण कंपनी द्वारा 75 नये उपकेन्द्र, 12 हजार वितरण ट्रांसफाॅर्मर तथा 14 हजार सर्किट किलोमीटर लाइनों की स्थापना की जायेगी। सिंह ने कहा- हमारी वितरण कंपनी किसानों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, गरीब परिवारों तथा अन्य सामान्य घरेलू उपभोक्ताओं को निःशुल्क अथवा रियायती दर पर विद्युत आपूर्ति की जिम्मेदारी निभा रही है। जिससे कमजोर वर्गों के जीवनस्तर तथा आय के अवसरों में शानदार बढ़ोत्तरी हुई है।

बस्तर के सुदूर बीजापुर जिले के चिलकापल्ली को हाल ही में ऊर्जीकृत कर हमने यह संदेश दिया है कि दूरस्थ आदिवासी अंचलों को बिजली की शक्ति देने का सिलसिला चलता रहेगा। पी.एम. जनमन, पी.एम. जुगा तथा नियद नेल्लानार योजना के तहत बिजली की सुविधा से वंचित लोगों के घरों को रोशन किया जा रहा है। इस अवसर पर तीनों कंपनियों के एमडी सर्वश्री एसके कटियार, आरके शुक्ला, भीमसिंह कंवर तथा मुख्य अभियंता एचआर वीके दीक्षित, मुख्य सुरक्षा अधिकारी विंग कमाण्डर ए. श्रीनिवास राव विशेष रूप से उपस्थित थे। मंच का संचालन अतिरिक्त महाप्रबंधक (जनसंपर्क) उमेश कुमार मिश्र द्वारा किया गया।

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