छत्तीसगढ़

CG: ठेकेदार ने कमीशन पर पेटी कांट्रेक्टर को दिया काम, नहीं दिए तीन करोड़ रूपए

Nilmani Pal
12 July 2022 5:03 PM GMT
CG: ठेकेदार ने कमीशन पर पेटी कांट्रेक्टर को दिया काम, नहीं दिए तीन करोड़ रूपए
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डेमो फोटो

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बिलासपुर: शासन से सड़क निर्माण का ठेका लेने के बाद ठेकेदार ने पेटी कांट्रेक्टर से पांच करोड़ रूपए का काम करा लिया। इसके बाद ठेकेदार ने दो करोड़ का भुगतान कर शेष तीन करोड़ रूपए का पेमेंट रोक दिया। पेमेंट की मांग करने पर ठेकेदार ने जान से मारने की धमकी दी। पेटी कांट्रेक्टर ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

जरहाभाठा एसबीआर कालेज के पास रहने वाले टोपेश जायसवाल पेटी कांट्रेक्टर हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि जनकपुरी न्यू दिल्ली चाणक्यपुरी में स्थित धनगल बिल्डर्स के संचालक उमर मोहम्मद ने जलसो, नहरियाभाठा व्हाया सेमरताल और कछार से पेंडरवा व्हाया चुमकंवा रोड को बनाने का ठेका लिया था। ठेकेदार ने कमीशन पर पेटी कांट्रेक्टर टोपेश को काम दिया। पेटी कांट्रेक्टर ने दोनों रोड में काम करने के बाद ठेकेदार को पांच करोड़ 14 लाख 67 हजार रूपए का बिल दे दिया।
इसमें से ठेकेदार ने दो कराेड 89 लाख 29 हजार स्र्पये का भुगतान कर दिया। शेष दो करोड़ 16 लाख 37 हजार का भुगतान शेष है। इसके अलावा एक अन्य काम का एक करोड़ स्र्पया भी पेटी कांट्रेक्टर का शेष है। एक साल पहले 27 जुलाई 2021 को पेटी कांट्रेक्टर ने अपने काम के स्र्पये मांगे। इस पर ठेकेदार ने स्र्पये नहीं देने की बात कही। साथ ही पेटी कांट्रेक्टर को जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद भी पेटी कांट्रेक्टर अपने स्र्पये के लिए ठेकेदार से संपर्क करते रहे। स्र्पये नहीं मिलने पर उन्होंने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की है। इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
पीड़ित पेटी कांट्रेक्टर ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में एक साल पहले की थी। इसके बाद भी पुलिस मामले में जुर्म दर्ज नहीं कर रही थी। इससे परेशान होकर पीड़ित ने मामले की जानकारी आइजी रतनलाल डांगी को देकर जुर्म दर्ज कराने आवेदन दिया। आइजी के निर्देश के बाद पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पीड़ित टोपेश ने अपने आवेदन में बताया कि आरोपित उमर मोहम्मद ने शहर में रहने वाले एक अन्य ठेकेदार से भी धोखाधड़ी की है। ठेकेदार ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की। इस पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर जुर्म दर्ज होने के बाद आरोपित अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय पहुंच गया। इस पर पीड़ित ने न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत का विरोध पत्र प्रस्तुत किया।
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