नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से संबंधित कथित सेक्स सीडी मामला राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के लिये सीबीआई की याचिका पर 11 फरवरी को विचार किया जायेगा। सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले में गवाहों को धमकाया जा रहा है और इसमें एक आरोपी, राज्य के मुख्यमंत्री, प्रभावशाली व्यक्ति हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि इस मामले को अंतिम निस्तारण के लिये 11 फरवरी को सूचीबद्ध किया जाये। इस बीच, संबंधित पक्षों के अधिवक्ता सारी कागजी कार्यवाही पूरी कर सकते हैं। मामले की सुनवाई शुरू होते ही सीबीआई की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में कुछ गवाह दिल्ली से तो कुछ मुंबई से हैं जबकि कुछ अन्य गवाह दूसरे स्थानों से हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह जांच छत्तीसगढ़ से बाहर किसी एक स्थान पर स्थानांतरित कर दी जाये।
छत्तीसगढ़ सरकार को भी पक्षकार बनाने की मांग
इस मामले में सह आरोपी कैलाश मुरारका की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एएनएस नाडकर्णी ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार के खिलाफ अनेक आरोप लगाये गये हैं, ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार को भी इसमें पक्षकार बनाना बेहतर होगा। पीठ ने कहा कि वह इस पहलू पर सुनवाई की अगली तारीख पर विचार करेगी। शीर्ष अदालत ने सीबीआई मामले में गवाह होने का दावा करने वाले रसजीत सिंह खनूजा की याचिका पर भी विचार किया और कहा कि राज्य सरकार ने आत्महत्या के लिये उकसाने के किसी अन्य प्रकरण में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं, खनूजा ने भी आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला सीबीआई को सौंपने का अनुरोध न्यायालय से किया है। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और अधिवक्ता सुमीर सोंढी ने खनूजा की याचिका का विरोध किया और कहा कि यह अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गयी है जिसे खारिज किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने 21 अक्टूबर, 2019 को, बघेल के एक आरोपी के रूप में शामिल होने संबंधी कथित सेक्स सीडी कांड की सुनवाई पर रोक लगा दी थी और यह मामला राज्य से बाहर स्थानांतरित करने के सीबीआई के आवेदन पर उनसे जवाब मांगा था।
सीबीआई की दलील है कि वह इस मामले को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध कर रही है क्योंकि अभियोजन के दो गवाहों ने शिकायत की है कि उन्हें धमकी दी गयी हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए ही उसने यह याचिका दायर की है क्योंकि आरोपी अब राज्य का मुख्यमंत्री है और इस वजह से गवाहों को डराने धमकाने की पूरी संभावना है।
सीबीआई ने 2017 में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष बघेल के खिलाफ एक शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। इस शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने फर्जी सेक्स सीडी मामले में राज्य के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री और भाजपा नेता राजेश मूणत को फंसाने का प्रयास किया है। रमण सिंह सरकार में मंत्री राजेश मूणत ने बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ इस फर्जी सेक्स सीडी के जरिये उनकी छवि खराब करने के आरोप में शिकायत दायर की थी। छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2017 में कार्रवाई करते हुये भाजपा नेता की छवि खराब करने की बघेल के साथ साजिश करने के आरोप में विनोद वर्मा को उनके गाजियाबाद स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया था। छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भाजपा सरकार ने बाद में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था जिसने बाद में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया ।