छत्तीसगढ़
CG News: वरिष्ठ अधिकारियों ने नए आपराधिक कानूनों की जानकारी दी
Shantanu Roy
17 Jun 2024 12:58 PM GMT
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छग
Rajnandgaon. राजनांदगांव। नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को किया गया। जिसमें नवीन कानून को लेकर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में हुए बदलाव के संबंध में जानकारी दी। वहीं 5 जून एवं 16 जून को दो दिवसीय कार्यशाला पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय राजनांदगांव में किया गया। पुलिस पदाधिकारियों को नए कानून की बारीकियों से प्रशिक्षण में अवगत कराया गया। वहीं आगामी एक जुलाई 2024 से कानून में हो रहे बदलाव पर पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई। एसपी मोहित गर्ग के निर्देशन पर प्रशिक्षण दिया गया। राजनांदगांव Rajnandgaon जिले के लगभग 150 अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे।
मिली जानकारी के अनुसार आगामी एक जुलाई 2024 से देश में लागू होने जा रहे तीन नए क्रिमिनल लॉ यानी इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड़ (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएंगे। इन सभी धाराओं से संबंधित मामलों को लेकर 5 जून एवं 16 जून को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस प्रशिक्षण केंद्र राजनंादगांव में किया गया। एसपी मोहित गर्ग के निर्देशन पर एएसपी आप्स मुकेश ठाकुर, एएसपी राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन में जीपी नारायण कनौजे, सीनियर एडीपीओ निखिल शुसमुकर, एफएसएल दुर्ग से शशांक द्विवेदी, आईरेड डिस्टिक मैनेजर अरूण सोनी, राजनांदगांव सीसीटीएनएस से प्रधान आरक्षक हिरेन्द्र साहू, डीसीआरबी शाखा फिंगरप्रिंट से आर. कमलजीत सिंह, सायबर सेल से सउनि सुमन कर्ष, आर. हेमंत साहू द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पुलिस को सशक्त करने प्रक्रियाओं में लाए गए सुदृढ़ता को बताया गया।
जिसके तहत एफआईआर से लेकर ऑनलाइन शिकायत जांच, गिरफ्तारी अन्य प्रक्रियाओं को भी बताया गया। भारतीय संहिता में हुए मूल परिर्वतन को बताते कहा की भारतीय न्याय संहिता सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी, जिसमें नवीन अपराध, झपटमारी, देशद्रोह, संगठित अपराध जैसे विभिन्न अपराधों को समावेश पर प्रकाश डाला और पहली बार किसी अपराध में सामुदायिक सेवाओं को न्याय में शामिल करने पर किया जाना बताया गया। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में साक्ष्यों के रूप में इलेक्ट्रानिक दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक उपकरण एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों पर अधिक बल देने हेतु न्याय की प्रक्रिया को प्रमुखता से सुनिश्चित करने वाला पहल बताया। तीनों नए कानून में पुलिस को सुदृढ़ करने उदाहरण के माध्यम से प्रक्रियाओं को पीपीटी के माध्यम से अनुसंधानकर्ताओं को नए आपराधिक कानूनों को धाराओं और सजा से अवगत कराया गया एवं उनको जागरूक कर उनकी क्षमता को विकसित कर प्रभावी कार्य करने समस्त अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में एएसपी ऑप्स मुकेश ठाकुर, एएसपी राहुल देव शर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र नायक, रक्षित निरीक्षक लोकेश कुमार कसेर एवं थाना व चौकी प्रभारीगण सहित लगभग 150 अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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Shantanu Roy
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