छत्तीसगढ़

CG NEWS: हाईकोर्ट से बड़ी खबर, इस मुद्दे पर DRM से मांगा जवाब

Shantanu Roy
21 Aug 2024 6:04 PM GMT
CG NEWS: हाईकोर्ट से बड़ी खबर, इस मुद्दे पर DRM से मांगा जवाब
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Bilaspur. बिलासपुर। हाईकोर्ट ने बिलासपुर जोन में ट्रेनों की परिचालन की समस्या को लेकर दायर जनहित याचिका पर रेलवे के प्रति सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने DRM से पूछा है कि क्या अभी भी ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाई जा रही है। डीआरएम को शपथ पत्र के साथ एक हफ्ते में जवाब मांगी है। दरअसल, रेलवे ने कोरोना काल में सभी गाड़ियों को रद्द कर दिया था। बिलासपुर जोन की गाड़ियां भी बंद कर दी गई थी। जब कोरोना का संक्रमण कम हुआ, तब रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों का परिचालन शुरू किया। लेकिन, बिलासपुर जोन की ज्यादातर गाड़ियां बंद थी, जिन ट्रेनों को शुरू किया गया उसे भी स्पेशल बनाकर चलाई गई और छोटी स्टेशनों पर स्टापेज नहीं दिया गया। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद भी बिलासपुर जोन में ट्रेनों की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई। लोगों की इस समस्या को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में इस जनहित याचिका की
सुनवाई लंबित है।
याचिकाकर्ता ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया कि, आज तक ट्रेनों के परिचालन की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेन 2021 से ही नियमित ट्रेन बनकर चलने लगी है। लेकिन, लोकल पैसेंजर और मेमू ट्रेन जिनमें गरीब वर्ग के लोग सफर करते हैं। कम दूरी की यात्री सफर करते हैं, उन्हें अभी भी स्पेशल ट्रेन के नाम से चलाई जा रही है। इसके कारण ट्रेनों को मनमाने ढंग से कैंसिल कर दिया जाता है। वहीं, अधिक किराया भी वसूल किया जा रहा है। इसी तरह ट्रेनें समय पर नहीं चल रही है। जिसके कारण यात्रियों को लगातार समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। रेलवे की तरफ से डिप्टी सालिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि, 21 फरवरी 2024 से रेलवे बोर्ड ने सभी पैसेंजर और लोकल और मेमू ट्रेनों को भी रेगुलर ट्रेन के रूप में चलने का आदेश दे दिया है, जो इस बिलासपुर जोन
पर भी लागू है।
इस पर याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने कहा कि, उसने आज ही एक शपथ पत्र दाखिल कर यह बताया है कि अभी भी बिलासपुर जोन में पैसेंजर लोकल और मेमू ट्रेन स्पेशल ट्रेन के रूप में ही चलाई जा रही है। इनका नंबर जीरो से शुरू होता है, जो रेलवे में इस बात को बताता है कि उक्त ट्रेन स्पेशल ट्रेन है। याचिकाकर्ता एडवोकेट ने बताया कि, स्पेशल ट्रेन होने के कारण उसका कोई भी समय और स्टापेज या उसका चलना पूरी तरह रेलवे अधिकारियों के हाथ में होता है। स्पेशल ट्रेन के परिचालन में अचानक बदलाव कर दिए जाते हैं। इस कारण भी यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। इस मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के डीआरएम को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या अभी भी रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद पैसेंजर लोकल और मेमू ट्रेन स्पेशल ट्रेन के रूप में ही चलाई जा रही है। कोर्ट ने उन्हें शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिए हैं।
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