छत्तीसगढ़

CG: किसान सभा सदस्यों ने रखा उपवास, दिया धरना

Admin2
23 Dec 2020 1:42 PM GMT
CG: किसान सभा सदस्यों ने रखा उपवास, दिया धरना
x

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और 500 से अधिक किसान संगठनों से मिलकर बने साझे मोर्चे संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा के हजारों सदस्यों ने किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ संघर्ष को तेज करने और शहीद किसानों की स्मृति और उनके सम्मान में आज दिन भर का उपवास किया। उनके साथ गांव के लोगों ने भी उपवास में हिस्सा लिया और धरना कार्यक्रम में शामिल हुए। दिल्ली की सीमा पलवल पर पहुंचे छत्तीसगढ़ किसान सभा के जत्थे में शामिल किसान नेता जवाहर सिंह कंवर ने भी वहां चल रहे क्रमिक भूख हड़ताल में हिस्सा लिया।

आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर, रायगढ़, धमतरी, गरियाबंद, बस्तर सहित पूरे प्रदेश में किसान सभा के सदस्यों ने रोजमर्रा का काम करते हुए उपवास किया, ताकि एक देशव्यापी दबाव बनाकर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को बाध्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस किसान आंदोलन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और आम जनता के विभिन्न तबकों का उन्हें समर्थन मिल रहा है। यह आंदोलन न केवल आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा ऐतिहासिक आंदोलन बन गया है, जिसमें लाखों नागरिकों के साथ करोड़ों किसान इस आंदोलन में प्रत्यक्ष भागीदारी कर रहे हैं। वास्तव में यह आम किसानों की मांगों के लिए, आम जनता का, आम जनता द्वारा संचालित आंदोलन है, जो सरकार की लाठी-गोली और दमन से कुचला नहीं जा सकता। पूरी दुनिया देख रही है कि दमन, उकसावे और 35 से ज्यादा किसानों की शहादत के बावजूद किस तरह यह आंदोलन गांधीवादी और शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। किसान सभा नेताओं ने कहा कि जिस कानून के पीछे जनता का कोई बल न हो, उस कानून को आम जनता पर थोपना लोकतंत्र का मजाक उड़ाना ही है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कहा है कि किसानों का यह संघर्ष देश की अर्थव्यवस्था को कारपोरेटीकरण से बचाने का और खाद्यान्न आत्मनिर्भरता और सुरक्षा को बचाने का देशभक्तिपूर्ण और राष्ट्रवादी संघर्ष है। जिस संघी गिरोह ने आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजों के तलुए चाटे है, वही आज इस देश को साम्राज्यवाद के हाथों बेचना चाहता है। इसलिए हमारे देश के किसान केवल अपनी खेती-किसानी बचाने की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, वे इस देश की स्वतंत्रता और अस्मिता की रक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं।



वीरेंद्र पाण्डे पुर्व विधायक, रूपन चंद्राकर, पवन सक्सेना, मनमोहनसिंह सैलानी, प्रिया विभार, लता शर्मा सीमा शर्मा, लक्ष्मी नारायण चंद्राकर, किसानों के समर्थन में उपवास किये


Next Story