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Bilaspur. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार सफेमा कोर्ट ने किसी तस्कर की संपत्ति सीज करने का आदेश दिया है। दरअसल, बिलासपुर की लेडी तस्कर को पुलिस ने परिवार के सदस्यों के साथ नशे का कारोबार करते गिरफ्तार किया है। जिसके बाद पुलिस ने पहली बार NDPS एक्ट के पहले मामले में जब्त की। सफेमा एक्ट यानी तस्कर और विदेशी मुद्रा हेरफेर (संपत्ति जब्ती) एक्ट अधिनियम, 1976 के तहत सीज करने का केस प्रस्तुत किया। यह आदेश मुंबई स्थित सफेमा कोर्ट ने जारी किया है। बता दें कि सिविल लाइन क्षेत्र के जरहाभाठा मिनी बस्ती में नशीली दवा का कारोबार करने वाली महिला ने 35 लाख की संपत्ति बनाई है। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर उसकी संपत्ति की जांच कर मुंबई के सफेमा कोर्ट में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है, जिस पर गुरुवार को कोर्ट ने संपत्ति सीज करने को कहा है। यह बिलासपुर पुलिस की बड़ी सफलता है। गिन्नी उर्फ गोदावरी जांगड़े लंबे समय से मिनी बस्ती सहित शहर के अलग-अलग इलाकों में नशे का सामान सप्लाई करती है।
एसपी रजनेश सिंह ने जब नशे के खिलाफ प्रहार अभियान शुरू किया, तब महिला के साथ ही परिवार के सदस्यों को भी गिरफ्तार किया। इस दौरान एसीसीयू एएसपी अनुज कुमार, कोतवाली सीएसपी IPS अक्षय प्रमोद साबद्रा और सिविल लाइन सीएसपी निमितेश सिह परिहार ने नशे के कारोबारियों के खिलाफ एंड टू एंड कार्रवाई की। इस दौरान गिरोह में शामिल रायपुर के सप्लायर और सोशल मीडिया इन्फ़लूएंशर के साथ ही बालाघाट से आरोपियों को प्रतिबंधित नशीली दवाओं के साथ गिरफ्तार किया। जिसके बाद जबलपुर से थोक सप्लायरों और मास्टरमाइंड सूच्चा सिंह भी पकड़ा गया। अब तक पुलिस ने इस गैंग के 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सबसे पहले पुलिस ने गिन्नी उर्फ गोदावरी की संपत्ति की जांच कर मूल्यांकन किया। उप पंजीयक, इनकम टैक्स, बैंकों से आदि से जानकारी हासिल की तो सकरी के हाफा में फ्लैट और शहर में 2000 वर्ग फीट जमीन और बैंक एकाउंट में कैश समेत 35 लाख की संपत्ति मिली। पुलिस ने सृष्टि जांगड़े को एसेट बनाकर 31 लाख की दवा के साथ रायपुर के 2 ड्रग सप्लायरों को पकड़ा था। पूछताछ के बाद कोतवाली सीएसपी आईपीएस अक्षय प्रमोद साबद्रा जबलपुर बालाघाट से तीसरे आरोपी और सिविल लाइन सीएसपी ने रायपुर के मेडिकल कारोबारी को उठाया था। इनमें से तीन मुख्य सप्लायरों की संपत्ति की जानकारी जुटाकर उसकी भी जांच की जा रही है।
सिविल लाइन और साइबर की ज्वाइंट टीम की जांच में पता चला कि सुच्चा सिंह भाटापारा निवासी अपने एजेंट बुगाला उर्फ बृजलाल कुर्रे के माध्यम से अपने अकाउंट में पैसे जमा कराता था। इसकी जानकारी मिलने पर टीम उसे पकड़ने के लिए भाठापारा गई थी। बुगाला को पकड़कर बिलासपुर लेकर आई है। उससे पूछताछ की जा रही है। वह भाठापारा से सुच्चा के एकाउंट में रुपए डालने का काम करता था। शेयर मार्केट में सुच्चा के 90 लाख रुपए भी निवेश किए थे। गोदावरी को भी उसने दवा की सप्लाई करने का आरोप है। इस मामले में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है, जिसका खुलासा किया जा सकता है। पुलिस को इस एंड टू एंड कार्रवाई में सृष्टि जांगड़े और उसकी भाभी गोदावरी की गिरफ्तारी के बाद से लगातार सफलता मिल रही है। पुलिस ने नीचे से लेकर ऊपर तक गिरोह के सभी सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अब तक की जांच में सभी के लिंक एक-दूसरे से मिल रहे हैं। बालाघाट से पकड़े गए सप्लायार सुच्चा और भाठापारा से पकड़ा गया बुगाला गोदावरी से जुड़ा है। रायपुर के मेडिकल कारोबारी व दोनों बड़े सप्लायर भी इसी गिरोह का है। एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट 1989 के 68 एफ 1 में नशे की सामग्री बेचकर कमाई गई संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। लेकिन, जांच एंजेसी के पास इसका प्रमाण होना चाहिए। उसके पास आय का और कोई जरिया नहीं है। हमारी टीम इस प्रकरण में यह प्रमाणित किया है, इसलिए कोर्ट ने सीज करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद अपराधियों की कमर टूट जाएगी। इस केस से जुड़े सभी आरोपियों की संपत्ति की जांच कर इसी तरह से सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।
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Shantanu Roy
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