रायपुर। राज्य में गत सप्ताह 1710 व्यक्ति कोरोना पाजिटिव पाए गए जिनमें से 27 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। इनमें से 51 वर्ष से 60 वर्ष के33 प्रतिशत व्यक्ति थे। 27 में से 25 व्यक्तियों को दूसरी गंभीर बीमारी भी थी। इनमें से 20 पुरूष और 7 महिलाएं थीं। राज्य स्तरीय डेथ आडिट समिति की बैठक में आज पिछले सप्ताह हुई मृत्यु का केस वार विश्लेषण किया गया। इसमें यह बात अन्य सप्ताहों की तरह सामने आई कि लोग लक्षण आने के बाद भी कोरोना जांच नहीं करा रहें और स्वयं से भी दवाई खा रहे है। सांस मंे अत्यधिक तकलीफ होने पर ही अस्पताल जा रहें जिससे रिकवरी की संभावनाएं कम हो जाती हैं। बैठक में यह भी तथ्य सामने आया कि कुछ निजी चिकित्सक सर्दी,खांसी,बुखार के लक्षण दिखने पर भी प्राथमिकता से कोरोना जांच कराने की सलाह नही देते और सामान्य इलाज करते हैं तथा ज्यादा तबीयत खराब लगने पर ही सरकारी अस्पताल या अन्य संस्थाओं में रिफर करते हैं जो चिंता का विषय है। इसके लिए संबंधित जिले के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेने और कार्यवाई करने के निर्देश दिए गए ।
समिति के सदस्य और यूनीसेफ के हेल्थ स्पेशलिस्ट डाॅ श्रीधर ने कहा कि हल्के से लक्षण दिखने पर भी कोरोना जांच कराने और इस दौरान पल्स आॅक्सीमीटर से आक्सीजन स्तर नापते रहना चाहिए।95 प्रतिशत से कम होने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए। बुजुर्ग व्यक्ति जो जांच नही कराना चाहते उनके परिजनों को समझा कर जांच कराना आवश्यक हैं। गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में नहीं रखना चाहिए।