रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एलपीजी रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से गरीब वर्गों को राहत पहुचाने की दिशा में शहरी क्षेत्रों के गौठानों में गोबर गैस प्लांट लगाए जाने की कार्ययोजना के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों के ऐसे गौठानों में जहां पशुधन की संख्या अधिक और बड़े पैमाने पर गोबर खरीदी हो रही है, ऐसे गौठानों का चयन करके वहां गोबर गैस प्लांट का निर्माण और गोबर गैस सप्लाई का सिस्टम विकसित करने के भी निर्देश दिए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित की जा रही नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी कार्यक्रम के तहत पशुधन संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य में 10057 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 5620 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और यहां गोधन न्याय योजना के तहत गोबर क्रय कर वर्मी एवं कम्पोस्ट खाद सहित अन्य उत्पाद महिला समूहों द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं। ग्रामीण अंचल के 110 गौठानों में गोबर गैस प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। राज्य के शहरी इलाकों में 382 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 334 गौठान निर्मित एवं संचालित है। शहरी इलाके के सक्रिय ऐसे गौठानों में जहां गोबर की खरीदी अधिक मात्रा में हो रही है, वहां प्लांट स्थापित कर गोबर गैस के उत्पादन का उद्देश्य शहरी इलाके के गरीब तबके के लोगों को रियायती दर पर ईंधन के रूप में गोबर गैस उपलब्ध कराना है। नगरीय इलाकों के गौठानों में गोबर गैस प्लांट की स्थापना की कार्य नगरीय प्रशासन विभाग एवं क्रेडा द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।