छत्तीसगढ़

CG BREAKING: BJP नेता एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला?

Shantanu Roy
4 Aug 2024 2:17 PM GMT
CG BREAKING: BJP नेता एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला?
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छग
Bijapur. बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पुलिस ने भाजपा नेता और युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। अजय सिंह पर एक आदिवासी युवक से जातिगत गाली-गलौज करने का आरोप है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया था। आदिवासी समाज का कहना है कि इसे लेकर वे काफी आहत हैं। अजय सिंह के खिलाफ बांगापाल थाने में FIR दर्ज कराई गई थी। समाज के लोगों ने गिरफ्तारी की मांग को लेकर SP जितेंद्र यादव को भी ज्ञापन सौंपा था। अजय सिंह कुछ महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। दरअसल, भैरमगढ़ में बंद पड़ा क्रेशर प्लांट फिर से खोला गया है।

यहां ब्लास्टिंग से आसपास के घरों में दरारें आनी शुरू हो गईं थी। इलाके के लोगों ने इसकी जानकारी अजय सिंह को दी। इसके बाद 16 जुलाई को अजय सिंह कुछ लोगों के साथ मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने प्लांट का विरोध किया। इस दौरान क्रशर को लीज पर लेने वाले ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से उनका विवाद हुआ। वहां सुरेश के साथ एक आदिवासी युवक भी था। आरोप है कि विजय सिंह ने उस युवक को जातिगत गालियां दीं। इसके बाद युवक सुरेश चंद्राकर के साथ अगले दिन थाने पहुंचा और मामला दर्ज कराया। अजय सिंह पर FIR दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई तो आदिवासी समाज सड़क पर उतर आया। दो दिन पहले आदिवासी समाज के सैकड़ों लोगों ने बीजापुर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर दिया था।

हालांकि प्रशासन और पुलिस के आश्वासन के बाद समाज के लोग लौट गए थे। वहीं दूसरी ओर एक दिन पहले कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अजय सिंह की गिरफ्तारी की मांग की थी। उन्होंने अजय सिंह को गुंडा बताया था। साथ ही उन पर कई तरह के आरोप भी लगाए थे। अजय सिंह पहले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से शामिल थे। करीब दो साल पहले उन्हें कांग्रेस ने पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। अजय सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। अजय सिंह ने स्थानीय विधायक विक्रम मंडावी के खिलाफ मोर्चा खोला था। वे विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए थे। अजय सिंह दिवंगत नेता और बस्तर टाइगर के नाम से पहचाने जाने वाले महेंद्र कर्मा के करीबी थे। झीरम हमले में नक्सलियों की गोलियों से बचकर निकले थे। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार आई तो इन्हें युवा आयोग का सदस्य बनाया गया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए।
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