रायपुर। छत्तीसगढ़ में गोबर भी ग्रामीणों और पशुपालकों की आय का जरिया बन गया है, अब तो सीमेंट संयंत्र भी गोबर की खरीदी के लिए तैयार हो गए हैं। इसके लिए सीमेंट कंपनी और सरकार के बीच करार हुआ है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखंड में स्थापित श्रीसीमेंट उद्योग द्वारा गोबर खरीदी की सहमति दी गई है। कोयले की जगह ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए श्रीसीमेंट प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन गोबर खरीदेगा। एडीशनल फ्यूल र्सिोसेज के रूप में गोबर का भट्टी को गरम करने में कोयले के साथ उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कलेक्टर बलौदाबाजार-भाटापारा रजत बंसल और श्रीसीमेंट के रवि तिवारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीसीमेंट के सबसे समीप के गांव चंडी में गोबर अन्य स्थानों से एकत्र कर कंपनियों को दिया जायेगा। गोबर की पूर्ति सीमेंट उद्योग के 15 किलोमीटर के परिधि वाले 16 गांव से प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जाएगा। कम्पनी को अब तक 38.8 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जा चुका है।
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में सात गौ-शालाएं हैं, जिसमें 1739 पशुओं को रखा गया है, इनमें चार सिमगा विकासखंड में ही स्थित है जो 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है। गौ-शालाओं से भी प्रति दिवस 6 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय की संभावना है। जिले में उद्योगों के समीपस्थ लगभग 95 गांव हैं, जिसमें पशुओं की संख्या लगभग 80 हजार है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन की गोबर खरीदी की गोधन न्याय योजना से प्रभावित होकर गोबर के उपयोग के नए-नए नवाचार सामने आ रहे हैं। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, दिए और गमले बनाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में अब प्राकृतिक पेंट और बिजली का उत्पादन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के श्रीसीमेंट उद्योग ने एडीशनल फ्यूल र्सिोसेज के रूप में गोबर का उपयोग करने का फैसला किया है।