छत्तीसगढ़

भिलाई में CBI की रेड, भ्रष्टाचार मामले में एक्शन जारी

Nilmani Pal
28 Aug 2024 12:16 PM GMT
भिलाई में CBI की रेड, भ्रष्टाचार मामले में एक्शन जारी
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भिलाई bhilai news। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तत्कालीन डीजीएम, ईपीआईएल, भिलाई एवं भिलाई स्थित एक निजी कंपनी के साझीदार सहित दो आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया। आज जिला बिजनौर (उत्तर प्रदेश) और भिलाई (छत्तीसगढ़) में दोनों आरोपियों के आधिकारिक एवं आवासीय परिसरों की तलाशी ली जा रही है। CBI raid in Bhilai

यह आरोप है कि भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ (भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड के अधीन) एवं मैसर्स इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड (ईपीआईएल) (भारत सरकार का उद्यम) ने 30 अप्रैल 2010 को भिलाई इस्पात संयंत्र में नए ओएचपी, भाग (पैकेज-61) के साथ कच्चे माल की प्राप्ति एवं हैंडलिंग सुविधाओं के विस्तार की स्थापना हेतु 5,50,82,27,000 रु. के अनुबंध मूल्य पर एक अनुबंध किया। इसके परिणामस्वरूप, ईपीआईएल (विभिन्न क्षेत्रों विशेष रूप से इस्पात एवं बिजली के क्षेत्र में परियोजनाओं के निष्पादन हेतु भारत सरकार की कंपनी) ने पीकेजी-061 के तहत सिविल निर्माण कार्यों के लिए कई एनआईटी (निविदा आमंत्रण सूचना) जारी की एवं आरोपी साझेदार की फर्म सहित कई कंपनियों/फर्मों को अलग-अलग “पीकेजी-061” के सिविल निर्माण के कार्य आवंटित किए गए।

आगे, उक्त भागीदार की निजी कंपनी ने जाली गेट मटेरियल एंट्री चालान जिसे फॉर्म सीआईएसएफ-157 के नाम से जाना जाता है एवं स्टोर इशूड स्लिप( Store Issued Slip), जाली चालान के साथ प्रस्तुत किए । यह भी आरोप है कि सीआईएसएफ फॉर्म-157 को आरोपी उप महाप्रबंधक, ईपीआईएल द्वारा सत्यापित किया गया था। कार्य आदेशों की मूल्य अनुसूची के अनुसार, सुदृढ़ीकरण स्टील (Reinforcement Steel) की आपूर्ति एवं रखने (Placing) की दर कथित रूप से 70,000 रु. प्रति मीट्रिक टन तय की गई थी, इस प्रकार, एक निजी फर्म के आरोपी साझीदार ने जाली चालान प्रस्तुत करके कथित रूप से 84,05,880 रु. का लाभ प्राप्त किया और ईपीआईएल को इसी प्रकार सदोषपूर्ण हानि पहुंचाई।


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