छत्तीसगढ़

CBI कोर्ट ने 3 लोगों को धारा 138 एनआई एक्ट में किया बाइज्जत बरी

Nilmani Pal
24 Nov 2024 11:13 AM GMT
CBI कोर्ट ने 3 लोगों को धारा 138 एनआई एक्ट में किया बाइज्जत बरी
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रायपुर। मामला रायपुर क्षेत्र का है परिवादी शुभम अग्रवाल ने वर्ष 2016-17 में 04 लोगो को कृष्णकांत, आशीष, रामकुमार, वैभव को अलग अलग तारीखो में उधार में लाखो रूपये की रकम प्रदान करना और वापसी हेतु चेक मिलने पर उपरोक्त चेक के अनादरण होने के पश्चात चारो के विरूध्द न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी रायपुर के समक्ष 138 एन.आई. एक्ट का परिवाद प्रस्तुत किया था उपरोक्त परिवाद में चारों को दोषसिध्द किया गया था। उपरोक्त निर्णय के विरूध्द उपरोक्त चारो व्यक्तियों ने दाण्डिक अपील प्रस्तुत की थी जिसकी सुनवाई सी.बी.आई कोर्ट रायपुर में की जाकर 22.11.2024 को निर्णय पारित कर तीन लोगो को बा- इज्जत बरी किया गया।

रायपुर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता सैय्यद बाबर अली ने बताया की विद्वान न्यायाधीश श्रीमान लीलाधर साय यादव सी.बी.आई. कोर्ट रायपुर की अदालत में उपरोक्त अपील में तीन लोगो को बरी किया गया तथा एक का निर्णय सुरक्षित रखा गया । विद्वान न्यायाधीश ने परिवादी की कहानी पर जिसके अनुसार उसने चारो को बड़ी रकम देने की बात कही थी परंतु जिसे बचाव पक्ष द्वारा उसकी आर्थिक क्षमता को चुनौती दी थी ।

अधिवक्ता द्वारा यह भी बताया गया कि, एन.आई. एक्ट एक टैक्निकल पांईट पर लड़ा जाता है, समान्यतः प्रमाणित करने का भार अभियोजन पर होता है परंतु उपरोक्त एक्ट में अभियुक्त पर होता है और जिसे चुनौती देकर उपरोक्त भार परिवादी पर स्थांतरण किया जा सकता है। इस प्रकरण में परिवादी द्वारा अपनी आय का श्रोत, दी जाने वाली रकम का माध्यम, स्थान व समय बताने में असमर्थ था और कोई भी रकम लेन देन की लीखा-पढ़ी नही होने तथा आयकर विभाग में उसकी विवरणी पेश करने का अभाव और अभियुक्तों को जान पहचान के आधार पर पैसा देना बतलाया था परंतु उनके पारिवारिक जानकारी एवं पते का अभाव था, उपरोक्त समस्त बिन्दुओं पर माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय के न्यायदृष्टांतों को दृष्टिगत रखते हुए परिवादी की कहानी को विद्वान न्यायाधीश ने संदेहास्पद बताते हुए उसी आधार पर संदेह का लाभ देकर तीन लोगो को बा- इज्जत बरी किया और एक का निर्णय सुरक्षित रखा है।




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