खैरागढ़. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के तत्वाधान में तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा आज विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन ग्राम बढ़ईटोला में किया गया। जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक गर्ग ने सभी उपस्थित ग्रामीण जनों को रक्षाबंधन पर्व की शुभकामनाएं देते हुए बताया कि यह अवधारणा किसी भी व्यक्ति के पक्ष में विशेषाधिकार के अभाव को दर्शाता है। इसका तात्पर्य देश के अंतर्गत सभी न्यायालयों द्वारा प्रशासित कानून के सामने सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा, चाहे व्यक्ति अमीर हो या गरीब, सरकारी अधिकारी हो या कोई गैर-सरकारी व्यक्ति, क़ानून से कोई भी ऊपर नहीं है।
आगे सीजीएम गर्ग ने आबकारी एक्ट के संबंध में कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत 34(2) गैर जमानती है। धारा का उपयोग ज्यादातर फील्ड में या कहीं भी 5 लीटर से अधिक शराब पकडे जाने वालों पर लगाया जाता है। कम से कम 2 साल की सजा का प्रावधान है। इसमें जुर्माना भी जोड़ दिया गया है।
छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 के बारे में आगे बताया कि नए कानून में जुआ घर की परिभाषा में ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्म शब्द जोड़ा गया है। उपकरण की परिभाषा में इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, डिवाइस, मोबाइल एप, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर ऑफ फंड्स शब्द जोड़े गये हैं। पुराने अधिनियम में ऑनलाइन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। अब पृथक से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमें 1-3 वर्ष की जेल एवं 50 हजार से 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। बार-बार अपराध के लिए 2-7 वर्ष तक जेल और 1-10 लाख तक का जुर्माने हो सकता है।
आगे मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में बताया गया आज के भारत में कुछ साधारण टू-व्हीलर चालकों के लिए नियम इस प्रकार हैं –
बाइक चलाते समय हमेशा हेलमेट पहने।
शराब पीकर गाड़ी ना चलाएं।
सही तरीके से इंडिकेटर का उपयोग करें।
हमेशा गाड़ी चलाते समय सामने की तरफ नजर बनाए रखें और ध्यान से गाड़ी चलाएं।
पीछे की ओर सेआते हुए गाड़ियों पर मिरर की मदद से ध्यान बनाए रखें।
ओवरटेक करते समय सभी नियमों का ध्यान रखें।
आगे पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने घरेलू हिंसा के संबंध में बताया कि
इस कानून में एक बात ध्यान देने योग्य है कि इसमें आमतौर पर केवल पत्नियों द्वारा ही पति और सुसराल के लोगों पर मुकदमा लगाया जाता है लेकिन यह कानून इससे कही ज्यादा विस्तृत है। गृहस्थी में रहने वाली कोई भी महिला अपने साथ हिंसा होने पर घर के पुरुष या महिला किसी भी सदस्य या सदस्यों पर मुकदमा लगा सकती है। एक मां भी अपने पुत्रों पर एवं बहुओं पर घरेलू हिंसा का प्रकरण लगा सकती है या फिर लिव इन में रहने वाली महिला पार्टनर अपने पुरुष पार्टनर पर घरेलू हिंसा का केस लगा सकती है, इस ही तरह एक बेटी भी अपने माता पिता पर घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज करवा सकती है। साथ ही टोनही प्रताड़ना , अभिव्यक्ति एप्लीकेशन और महिलाओं में होने वाले निमोनिया खून की कमी के संबंध में भी विस्तृत विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की। साइबर अपराध के अंतर्गत बताया कि किसी भी अनजान को अपना पर्सनल एवं बैंकिंग जानकारी शेयर ना करें। और तालुका विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा प्रदान की जाने वाली निशुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता व टेली लॉ एप्लीकेशन के संबंध में बताया।