छत्तीसगढ़

चुनाव से पहले राजधानी पुलिस को चाक-चौबंद होने की जरूरत

Nilmani Pal
28 April 2023 5:00 AM GMT
चुनाव से पहले राजधानी पुलिस को चाक-चौबंद होने की जरूरत
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अपराधी दूसरे थाना क्षेत्र में अपराध कर जमानत का उठाता है फायदा

पुलिस की वेबसाइट में हिस्ट्रीशीटरों की सूची अपलोड नहीं

थानों में आपसी में समन्वय नहीं होने का लाभ उठाते है अपराधी

पुलिस को सभी एंगल से जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर । राजधानी पुलिस द्वारा थानावार अपराध, मर्ग, शिकायतों पर चौंकाने वाली बात सामने आई है। देखा यह गया है कि राजधानी के थानों में आपसे में तालमेल ही नहीं है। एक थाने का अपराधी यदि दूसरे थाना क्षेत्र में अपराध करता है तो अपराध की श्रेणी के अनुसार जमानत पर ही रिहा कर दिया जाता है। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है की राजधानी पुलिस के वेबसाइट में हिस्ट्रीशीटरों की सूची भी अपलोड नहीं है जबकि रायगढ़ और बिलासपुर पुलिस इस मामले में काफी आगे निकल चूका है जिले के सभी थाना के अपराधियों की लिस्ट बनकर पुलिस के वेबसाइट में अपलोड हो चुका है। जबकि राजधानी पुलिस को ये सब काम सबसे पहले कर लेना चाहिए था। यह चुनावी साल होने के कारण राजधानी पुलिस के लिए तो और भी महत्वपूर्ण था। उदहारण के तौर पर पिछले दिनों हिट एंड रन केस में कर चालक शुभ डायमंड ज्वेलरी शाप के संचालक बिगड़े नवाब बैद को पुलिस ने थाने से ही मुचलके पर छोड़ दिया जबकि उसके खिलाफ अन्य प्रकरण में जुआ सट्टा एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हुआ था ऐसी स्थिति में सम्बंधित पुलिस थाने को दूसरे थाने से जानकारी लेकर छोडऩा नहीं था। गौरतलब है कि वहां युवती की लाश मिली थी, उसमें भी उक्त युवक का नाम आया था। ऐसे में पुलिस को सभी एंगल से जांच कर कार्रवाई करनी थी। इससे जाहिर होता है की थानों में आपस में समन्वय नहीं है जिससे गंभीर अपराध करने वाले आसानी से छूट जाते हैं। पिछले सप्ताह रायगढ़ जिले के थाना प्रभारियों द्वारा पावर पाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत किया गया उसी प्रकार राजधानी पुलिस को भी ऐसी करवाई करना चाहिए । देखा गया है की थानों की आपसी तालमेल नहीं होने के कारण हिस्ट्रीशीटर की लिस्ट शहर की और पूरे राजधानी की हिस्ट्री शीट फाइनल नही हुआ है। .साथ ही फाइनल हिस्ट्रीशीटर लिस्ट बनाने के लिए सभी थानों में आपसी तालमेल अति आवश्यक है ताकि गंभीर किस्म के अपराध करने वाले तुरंत धरे जाएँ। राजधानी पुलिस को यह भी देखना चाहिए की पिछले एक साल में चोरी, छिनताई, सट्टा, जुआ, गुंडागर्दी और चाकूबाजी के कितने अपराध दर्ज हुए हैं। एक क्लिक करने के उपरांत सम्बंधित व्यक्ति की पूरी कुंडली दिख जाये। चुनाव लगभग कुछ माह ही शेष है और कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से सञ्चालन करने के लिए और आम जनता को सुख शांति और चैन से रहने के लिए सर्वप्रथम पुलिस द्वारा हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट बनाई जाती है लेकिन बल की कमी से जूझ रहे राजधानी पुलिस ने अभी तक लिस्ट नहीं बनाई है। न ही किसी से चर्चा की है। जो आशचर्य करने वाली बात है। जबकि पडोसी जिलों में यह कार्य काफी पहले पूर्ण कर लिया गया है। देखा जा रहा है की रायपुर पुलिस के लिए हिस्ट्रीशीटर की लिस्ट बनाना और उनको ढूंढ निकलना बहुत बड़ा चुनौती भरा काम है। कुछ थानेदारो ने बताया की हमारे थाने के हिस्ट्रीशीटरों की जन्मकुंडली पूरी तरह से तैयार है। लेकिन जिला पुलिस बल और जिला कंट्रोल रूम में एक लिस्ट पर कार्य करने के लिए कोई कार्ययोजना की सुचना जारी नहीं की गई है। आगामी माह में त्योहारों का सीजन फिर विधानसभा चुनाव का माहौल होने के कारण कानून व्यवस्था सुचारु रूप से बनाने के लिए पुलिस के लिए यह यह अति आवशयक की हिस्ट्रीशीटरो की लिस्ट बनाकर सभी थानों में भेजा जाय।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने कहा कि हिस्ट्रीशीटरों की पूरी लिस्ट विभाग के पास रहती है साथ ही सभी थानों में भी रहती है साथ ही सम्बंधित थानेदार समय समय पर चेक भी करते रहते हैं की उक्त हिस्ट्रीशीटर सुधर गया है की नहीं यदि ऐसा महसूस होता है की वह सुधर गया है तो सूचि से उसका नाम हटाने की कार्रवाई भी की जाती है। उनको सुधरने का भरपूर मौका दिया जाता है। जिले एवं प्रदेश से भी यदि वह बाहर रहने जाता है तो सम्बंधित थाने को इसकी जानकारी दी जाती है। यदि स्थाई रूप से वह जिला छोड़ता है तो जिस जगह रह रहा है उस थाने में लिस्ट भेज भी दी जाती है।

दूसरे मामले में डीडी नगर थाने में एक युवती के छेड़छाड़ मामले में आरोपी को तत्काल जमानत रिहा कर दिया गया था थाने से जब बात की गई तो थानेदार ने बताया कि मुझे नहीं मालूम था कि गोल बाजार और सिविल लाइन थाने में भी उक्त आरोपी का चोरी के अपराध दर्ज है।

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