छत्तीसगढ़

राजधानी है या नशाधानी: बर्बाद हो रहे युवा

Admin2
19 Nov 2020 5:51 AM GMT
राजधानी है या नशाधानी: बर्बाद हो रहे युवा
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मन्नू, नदीम-लाला, नफीज, इन बड़े नशे के सौदागरों को कब पकड़ोगे साहब?

प्राक्सीवान कैप्सूल नीले बादाम, डायजीपाम रिचार्ज कूपन के कोडवर्ड में बेच रहे है नशे के सौदागर

नशीली दवा बेचने वाले काट रहे हैं चांदी, घर के हीरे हो रहे तवाह


रायपुर (जसेरि)। राजधानी में नशे के सौदागरों में इस कदर जाल फैला लिया है कि नशे का सामान आसानी से कोडवर्ड में मिल रहा है। मेडिकल दुकान से लेकर किराना दुकान में कोडवर्ड से नशे की दवाई बेखौफ खरीदी और बेची जा रही है। जनता से रिश्ता लगातार जन सरोकार को ध्यान में रखते हुए युवाओं को नशे की गर्त से बचाने की मुहिम चलाया जिसके फलस्वरूप पुलिस प्रशासन ने दिवाली से पहले ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई कर नशीली दवाइयों के अड्डे से लाखों की दवाई जब्त की। दिवाली पर सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस के व्यस्त होते ही नशे के सौदागरों ने पुलिस की आंख में धूल झोंककर फिर से नशीली दवाइयों के कारोबार को गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले में पहुंचा कर सस्ते में नशा का लालच देकर युवाओं की जिंदगी बर्बाद करने का रास्ता अपना लिया है। जनता से रिश्ता पिछले कई महीनों से नशीले पदार्थ, नशीली दवाइयों के लिए खिलाफ अभियान चलाकर सरकार और प्रशासन के संज्ञान में लाया है। नशे के सौदागरों ने राजधानी को नशाधानी में तब्दील कर दिया है। सरकार इमानदारी से सर्वे करें तो राजधानी के 70 वार्डो में हर घर में पांच सदस्यों वाले परिवार में एक युवा नशा एडिक्टेड मिल ही जाएगा। नशे के सौदागरों के टारगेट में स्कूली बच्चे होते है जो संपन्न परिवार से जुड़े होते है। इस साल तो कोरोना के चलते नशे के सौदागर स्कूलों तक नहीं पहुंच पाए लेकिन नशेडिय़ों को घर पहुंचा सेवा देकर अंधा कमाई कर रहे है। जानकारों की मानें तो नशीली दवा बेचने का खेल जोरों पर चल रहा है। इस सूखे नशे से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है और नशीली दवा बेचने वाले चांदी काट रहे हैं। नशीली दवा का सेवन कर राजधानी में कई युवा जान गंवा चुके हैं। पुलिस खानापूर्ति के नाम पर कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है, जिससे नशीली दवा का कारोबार करने वालों के हौसले बुलंद हैं। शुक्रवार को सरस्वती नगर थाना अंतर्गत कुकरबेड़ा क्षेत्र में नशीली दवा और सिरप बेचने वाले तीन युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। मामले की जांच की जा रही है।

रायपुर के अधिकांश मुहल्लों मेंकई युवक कोरेक्स, प्राक्सीवान, वन रेक्स सीरप, डायजीपाम, स्ट्रीट नाइट्रोसन आदि नशीली दवाएं और नशीले इंजेक्शन का इस्तेमाल कर अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं। कुछ युवक नशीली दवा खरीदने के लिए अनुचित कार्य भी कर रहे हैं। इस कारण चोरी आदि की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है।सरस्वती नगर पुलिस को मंगलवार को मुखबिर से सूचना मिली कि कुकुरबेड़ा में कुछ युवक नशीली दवा बेच रहे हैं। इस पर पुलिस ने घेराबंदी कर तीन युवकों को पकड़ा। आरोपित ईरानी डेरा पंडरी निवासी सोहेल अली (23) पिता समीर हुसैन, मोहसिन अली (18) पिता जावेद अली और राजातालाब निवासी संजय चौधरी (20) पिता महेश से पुलिस ने 13 वन रेक्स सिरप, चार स्ट्रीट नाइट्रोसन और 10 नशीली टैबलेट जब्त की है। तीनों को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है।

कोड वर्ड का इस्तेमाल : सूत्रों के अनुसार राजधानी के कुछ मेडिकल स्टोर में भी नशीली दवाओं की बिक्री की जा रही है। प्रतिबंधित दवा खरीदने के लिए युवा मेडिकल स्टोर में कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। प्राक्सीवान कैप्सूल खरीदने के लिए नीले बादाम और डायजीपाम खरीदने के लिए 10 रुपये का रिचार्ज कूपन का इस्तेमाल किया जाता है।

नए ठीहे हो रहे आबाद

नया पारा बिजली आफिस चौक, शंकर चौक, नेहरू नगर बूढ़ा तालाब नया रोड, कालीबाड़ी गांधी नगर, मोवा, सड्डू, संजय नगर के आसपास, देवेंद्र नगर फोकटपारा, गुढिय़ारी, शास्त्री बाजार दारू दुकान के पास, मारवाड़ी कब्रिस्तान के आसपास, फाफाडीह रेलवे क्रासिंग के पास, खमतराई, गोगांव, भाटागांव, पुरानी बस्ती, बंधवा तालाब के आसपास माफियाओं ने खुलेआम गांजा, चरस और नशीली सिरप का कारोबार फैला रखा है। पुलिस को तत्काल संज्ञान में लेकर इन नए अड्डों को आबाद होने से पहले खात्मा करने की कार्रवाई कर वहां के युवाओं को बचाया जा सकता है।

कार्रवाई छोटों पर, बड़े नशे के धंधेबाज बेखौफ

राजधानी में नशे के बड़े सौदागरों तक पुलिस अभी तक नहीं पहुंच पाई है। कार्रवाई के नाम पर छोटे नशा बाजों की धरपकड़ हो रही है। मन्नू, नदीम-लाला और नफीस जैसे बड़े नशा के कारोबारियों और उनके गुर्गो पर पुलिस हाथ नहीं धर पाई है। प्रदेश में चाहे किसी की भी सरकार हो ये लोग हमेशा सक्रिय रहे हैं। इनके लोग हर राजनीतिक दलों के साथ संबंधित विभागों में भी है जिनके सांठगांठ और संरक्षण से इनका अवैध कारोबार बेखौफ चल रहा है। बड़े राजनीतिक दलों के छुटभैय्ये नेता जिनका खर्चा-पानी भी इन्ही के सहारे चलता है वे इनके धंधे के लिए रास्ता तैयार करते हैं। नशे के ये बड़े सौदागर खुलेआम दावा करते हैं कि उनके धंधे पर कोई आंच नहीं आ सकती और उन पर हाथ डालना पुलिस के बश में भी नहीं है।

कोटा-गुढिय़ारी में जुआ, पुलिस के छापे में 29 गिरफ्तार

राजधानी के कुछ भीतरी इलाकों में खुलेआम जुआ चल रहा है। यहां रायपुर के अलावा आसपास के शहर से लोग आ रहे हैं। मंगलवार-बुधवार दरम्यानी रात पुलिस ने मुखबिर की सूचना में कोटा और गुढियारी में छापा मारा। जहां जुआ खेलते हुए 29 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों जगह से 3 लाख कैश जब्त किया। जुआ खेलने वालों में कारोबारी से लेकर राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग शामिल थे। देर रात सभी को पुलिस ने मुचलके पर थाने से छोड़ दिया। पुलिस अफसरों ने बताया कि कोटा में सराफा दुकान के पीछे बाड़ी है। रात में वहां 15 लोग जुआ खेलते बैठे थे। इनमें महासमुंद, भिलाई, दुर्ग से भी लोग आए थे। बाड़ी में खुलेआम जुआ चल रहा था। कॉलोनी वालों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। उसके बाद फोर्स भेजी गयी। जगह की पहचान होने के बाद घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ा गया। हालांकि कुछ लोग बाड़ी से कूदकर भाग रहे थे, पुलिस ने उन्हें दौड़ाकर उन्हें पकड़ लिया। पुलिस अफसरों ने बताया कि कोटा छापे के दौरान 1 लाख 75 हजार जब्त किया गया है। दूसरी ओर गुढियारी गैस गोदाम के पास मारे गए छापे में 14 लोगों को पकड़ा गया। उनसे 1 लाख 20 हजार कैश जब्त किया गया। खबर है कि इसी ग्रुप में बेमेतरा, मुंगेली के लोग भी शामिल थे। वरिष्ठ पुलिस अफसरों से कई लोगों ने शहर के कुछ और इलाकों में जुआ चलने की शिकायत की है। पुलिस पर सांठगांठ का भी आरोप लगाया जा रहा है।

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