छत्तीसगढ़
बलात्कारी के बच्चे को जन्म देने के लिए नहीं किया जा सकता मजबूर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
Nilmani Pal
3 Jan 2025 4:20 AM GMT
x
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 6 महीने की गर्भवती रेप पीड़िता के अबॉर्शन कराने की अनुमति की मांग को मंजूरी दे दी है। जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने कहा कि बलात्कार पीड़िता महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दी जा सकती है, क्योंकि ऐसी गर्भावस्था से महिला को बेहद मानसिक पीड़ा होती है। उनकी मनोस्थिति को गंभीर क्षति पहुंचती है, इसलिए उसे बलात्कारी के बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जस्टिस गुरु ने कहा कि शुक्रवार की सुबह रायगढ़ के मेडिकल जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की नाबालिग रेप पीड़िता ने अबॉर्शन कराने की अनुमति की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। नाबालिग के साथ एक युवक ने पहले दोस्ती की, जिसके बाद उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। नाबालिग भी उसकी बातों में आकर उससे प्यार करने लगी, फिर युवक ने शादी करने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। युवक उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा, जिससे नाबालिग गर्भवती हो गई। बाद में युवक ने उसके साथ शादी करने से इनकार कर दिया।
प्रेमी युवक की हरकतों से नाबालिग परेशान होती रही। आखिरकार, उसने इस मामले की शिकायत पुलिस की, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन, पीड़िता नाबालिग की परेशानियां कम नहीं हुई। वो बिना शादी के मां बनना नहीं चाहती। लिहाजा, उसने गर्भपात कराने के लिए अस्पतालों के चक्कर काटी, लेकिन कानूनी प्रावधान के चलते उसका गर्भपात भी नहीं हो सका।
Next Story