बिलासपुर। मुंबई-हावड़ा ज्ञानेश्वरी सुपरडीलक्स ट्रेन में एक कैंसर पीड़ित यात्री की मौत हो गई। हालांकि बिलासपुर में यात्री के तबीयत बिगड़ने की सूचना थी। पर यहां जांच के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को ट्रेन से उतारने लगे, लेकिन मृतक की पत्नी हाथ जोड़कर यह कहने लगी कि निजी वाहन से घर तक लेकर जाने के लिए रुपये नहीं है। महिला की यह स्थिति देखकर अन्य यात्रियों ने मानवता दिखाई और कहा कि शव के रहने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। इस पर रेलवे ने भी ज्यादा जोर नहीं दिया और ट्रेन बिलासपुर से रवाना हो गई।
टाटानगर निवासी मधुसुदन भौखिक कैंसर से पीड़ित थे। उनकी पत्नी इलाज कराने के लिए मुंबई टाटा मेमोरियल अस्पताल लेकर गई थीं। वहां से इलाज के बाद वापस टाटा लौट रहे थे। उनका रिजर्वेशन एस-7 कोच की बर्थ संख्या 44 में था। इसी बीच रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उस समय ट्रेन बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली थी। इसकी जानकारी दी गई, ताकि यहां मदद मिल सके। सूचना मिलने के बाद ट्रेन पहुंचने के पहले रेलवे अस्पताल के चिकित्सक से लेकर स्टेशन के अधिकारी व कर्मचारी प्लेटफार्म पर तैनात हो गए। पर जब ट्रेन पहुंची और चिकित्सक ने जांच की तो कैंसर पीड़ित यात्री की मौत हो चुकी थी।