नहर, जल संसाधन विभाग-नगर निगम के स्वामित्व में... लेकिन कब्जा स्वर्णभूमि का
बिना अधिकृत स्वीकृति व आबंटन के स्वर्णभूमि ने नहर को बाउंड्रीबाल से घेर दिया
स्वर्ण भूमि को नहर को घेरने की अनुमति किस विभाग ने दी
रायपुर। स्वर्ण भूमि जिस जमीन पर आवासीय कालोनी का निर्माण कर रहा है वहां से नहर नाली निकली है, नहर, जलाशय, तालाब सरकारी संपत्ति होती है इसका विक्रय किसी भी हालात में नहीं हो सकता। दूसरी ओर स्वर्ण भूमि के डायरेक्टर केके नायक ने कहा हमने नहर को नहीं घेरा है, नहर में पुलिया निर्माण का परमिशन लिया है। दस्तावेजों के मुताबिक वहां सरकारी जमीन है। लेकिन अपने रसूख का दुरूपयोग करते हुए जिस प्रोजेक्ट में काम कर रहा है वहां नहर नाली है उसे भी बाउंड्रीवाल में घेर कर अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया है। जिस समय इस प्रोजेक्ट की जमीन की रजिस्ट्री हुई होगी उस नक्शे में नहर का उल्लेख होगा उसके बाद भी स्वर्ण भूमि की जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई जबकि नहर को घेरने कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
नक्शे में लाल दर्शित भाग नहर नाली है... जो स्वर्णभूमि के योजनांतर्गत है
खसरा नं. 246, 245, 242, सभी स्वर्ण भूमि के योजनाओं के अंतर्गत है, जैसे ही खसरा खत्म होता है वह 292 नहर का खसरा है जो स्वर्ण भूमि के अधीन है। उसके नीचे 298, 310, 313, 314, 317 आदि सभी स्वर्ण भूमि के अधीन है। स्वर्ण भूमि प्रबंधन व्दारा योजनाबद्ध तरीके से नहर के आसपास जानबूझ कर खरीदी गया ताकि नहर की 10 से 15 एकड़ शासकीय जमीन अपने प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया जाए। दूसरी ओर स्वर्ण भूमि के डायऱेक्टर का कहना है कि यह हमारे योजना में शामिल नहीं है।
खसरा न. 244 के पटवारी नक्शा और टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग के नक्शे में भी विरोधाभास है उपरोक्त खसरे को टाउन एंड कंट्री प्लानिग ने नीचे बताया गया है जबकि पटवारी नक्शा में ऊपर है ।
नहर के ऊपर एक पुलिया बनाने का परमिशन सरकार से लिया है, नहर को बाउड्रीवाल से मुक्त रखा गया है। पुलिया के सरकारी दस्तावेज हमारे पास है आप उसका भौतिक सत्यापन कर सकते हैं।
-केके नायक, स्वर्ण भूमि