छत्तीसगढ़

सघन टीबी-कुष्ठ खोज अभियान के अंतर्गत करेली में लगा शिविर

Shantanu Roy
19 Dec 2022 2:20 PM GMT
सघन टीबी-कुष्ठ खोज अभियान के अंतर्गत करेली में लगा शिविर
x
छग
दुर्ग। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में जिले में टीबी व कुष्ठ रोग को मिटाने के लिए सघन टीबी-कुष्ठ खोज अभियान चलाया जा रहा है। आगामी 21 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान में हर एक मरीज की स्क्रीनिंग एवं उपचार का प्रयास किया जा रहा है। अभियान के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जा रही है, जिसमें टीबी चैंपियंस भी प्रमुख भागीदारी निभा रहे हैं। सघन टीबी-कुष्ठ खोज अभियान के अंतर्गत धमधा ब्लाक के करेली गांव में भी टीबी व कुष्ठ रोग की जांच की गई तथा संभावित टीबी ग्रस्त व्यक्तियों को बलगम जांच कराने के लिए कंटेनर दिया गया। इस दौरान टीबी चैंपियन लालेंद्र साहू व खुशबू साहू की टीम ने ग्रामीणों को टीबी रोग क्या है और यह कैसे फैलता है, टीबी के प्रकार, टीबी के लक्षण, निक्षय पोषण योजना, निक्षय संपर्क नंबर, टीबी आरोग्य साथी एप, एचआईवी और शुगर के विषय में जानकारी दी। साथ ही टीबी, कुष्ठ व एचवाईवी रोग के उपचार हेतु निःशुल्क जांच व सरकारी योजनाओं के बारे में बताया।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेपी मेश्राम ने बतायाः जिले में टीबी व कुष्ठ रोग की रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर मरीजों की पहचान और त्वरित इलाज की व्यवस्था की गई है। इस कार्यक्रम्र का मुख्य उद्देश्य लोगों में टीबी-कुष्ठ की बढ़ती समस्या और उसके प्रसार को रोकना है। टीबी रोग के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया : तीन सप्ताह या अधिक समय खांसी, लंबे समय से बुखार और शाम के दौरान बुखार का बढ़ जाना, सांस फूलना, लगातार वजन घटने, सीने में दर्द, बलगम के साथ खून आना, बार-बार लूज मोशन होने की स्थितियों में टीबी की जांच अवश्य करवाना चाहिए। वहीं पहले से इलाज करवा रहे मरीज को नियमित रूप से दवा का पूरा सेवन करना चाहिए। वहीं कुष्ठ रोग के संबंध में उन्होंने बतायारू ष्कुष्ठ रोग के कारण प्रभावित अंगों में अक्षमता एवं विकृति आ जाती हैए इसलिए छुपे हुए केस को जल्दी से जल्दी खोज कर एवं जांच उपचार कर कुष्ठ रोग का प्रसार रोका जा सकता है और समाज को कुष्ठ मुक्त किया जा सकता है। कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है। कुष्ठ रोग का पूर्णताः उपचार संभव है। वहीं कुष्ठ रोग के इलाज में देरी से विकलांगता हो सकती है। कुष्ठ रोगियों को स्पर्श करने से कुष्ठ रोग नहीं होता है।
रोग को छिपाएं नहीं, खुलकर बताएं
जिला टीबी रोग विभाग अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया : सघन टीबी-कुष्ठ खोज अभियान के दौरान सघन सर्वे करने का लक्ष्य रखा गया है। जिलेवासियों से अपील है कि, सर्वे के दौरान टीबी-कुष्ठ के लक्षण वाले व्यक्ति अपने रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि लक्षणों के बारे में खुलकर बताएं। टीबी और कुष्ठ बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य तय किया है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2023 तक इन रोगों से मुक्त करने का बीड़ा उठाया है।
Next Story